उत्तर प्रदेश के बलिया में युवक ने 12वीं की फर्जी मार्कशीट के सहारे उत्तर प्रदेश में कॉस्टेबल की नौकरी हासिल कर ली।इसके बाद करीब चौदह साल तक यह कॉस्टेबल अलग अलग जिलों में तैनात रहा।
बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया में युवक ने 12वीं की फर्जी मार्कशीट (Fake Marksheet) के सहारे उत्तर प्रदेश में कॉस्टेबल (Uttar Pradesh Constable) की नौकरी हासिल कर ली।इसके बाद करीब चौदह साल तक यह कॉस्टेबल अलग अलग जिलों में तैनात रहा।
दो साल पहले शिकायत में फर्जी मार्कशीट का हुआ खुलासा तो लोगो के होश उड़ गए। पुलिस अफसरों ने आरोपी को बर्खास्त कर दिया है। मामले आईआई लाइन घनश्याम ने जब आरोपी सिपाही के अलावा उसके शिकायतकर्ता सगे चाचा के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआऱ कराई है।
कार्रवाई के बाद देहात थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरु कर दी है। जांच अधिकारी के सामने बयान दर्ज कराते हुए आरोपी सिपाही ने उस वक्त शपथपत्र देते हुए बतायाथा कि 12वीं की जिस मार्कशीट से उसने नौकरी हासिली की थी उसके चाचा ने ही बनवाकर दी थी।
बलिया के गांव सैमरी के रहने वाले अखिलेश कुमार की साल 2009 में उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही भर्ती हुई थी। साल 2023 में उसकी तैनाती अमरोहा जिले में थी।एफआईआर के अनुसार जनवरी 2023 में उसके सगे चाचा विनोद कुमार ने लखनऊ स्थित पुलिस मु्ख्यालय गोपनीय शिकायत की थी।
बताया था कि अखिलेश ने 12वीं के शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी हैं, जिनके सहारे ही उसकी सिपाही की नौकरी लगी है। मामले में जांच के बाद शिकायत सही मिली। जांच में सामने आया कि अखिलेश कुमार ने अपने शैक्षिक दस्तावेज में बलिया के ज्योति इंटर कालेज की फर्जी मार्कशीट लगाई थी।
यूपी बोर्ड ने भी मार्कशीट का रिकार्ड होने से मना कर दिया। वहीं शिकायतकर्ता ने उसकी 12वीं की दूसरी मार्कशीट भी प्रस्तुत की जो ज्योति इंटर कालेज की ही थी, जिसमें अखिलेश फेल था।
जांच में दोनो मार्कशीट के अनुक्रमांक भी अलग अलग मिले। मामले में दोषी मिने पर तत्तकालीन पुलिस अफसरों ने अखिलेश को निलंबित कर दिया था। नोटिस जारी होने पर अखिलेश ने जांच अधिकारी तत्कालीन एएसपी राजीव कुमार के समक्ष अपना पक्ष रखा और चौंकाने वाला खुलासा किया।
शपथ पत्र में अखिलेश ने न सिर्फ मार्कशीट फर्जी होने की बात स्वीकार की बल्कि ये भी बताया कि मार्कशीट शिकायतकर्ता चाचा विनोद ने ही बनवाकर दी थी। नौकरी लगने के बाद विवाद हो गया तो शिकायत कर दी। आरआई घनश्याम ने बताया कि जांच में दोषी पाए जाने पर सिपाही अखिलेश कुमार को बर्खास्त कर दिया गया है। मामले में उसके तथा चाचा के खिलाफ अमरोहा देहात खाने में धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्झ कराई गई है।