कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) को पार्टी राज्यसभा में भेजने की योजना बना रही है। हाल में बीआरएस छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए के केशव राव के बदले अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) को राज्यसभा भेजा जा सकता है। के केशव राव (K Keshav Rao) ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद राज्यसभा के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है।
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) को पार्टी राज्यसभा में भेजने की योजना बना रही है। हाल में बीआरएस छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए के केशव राव के बदले अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) को राज्यसभा भेजा जा सकता है। के केशव राव (K Keshav Rao) ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद राज्यसभा के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है। राज्यसभा की उनकी सीट रिक्त हुई है। इस सीट के लिए होने वाले राज्यसभा उपचुनाव (Rajya Sabha By-Election) में कांग्रेस अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) को उम्मीदवार बना सकती है और उन्हें राज्यसभा भेज सकती है।
अरसे से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) अलग-अलग राज्यों से कांग्रेस के टिकट पर राज्यसभा सांसद रहे हैं। कांग्रेस ने भी सिंघवी को उपयोगिता के मद्देनजर अपने किसी भी बड़े राष्ट्रीय नेता या क्षेत्रीय नेता की जगह उनको राज्यसभा भेजने में तरजीह दी। इस बार भी जब सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को राज्यसभा भेजने के लिए राजस्थान और हिमाचल को शॉर्टलिस्ट किया तो सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के राजस्थान से जाने पर अपनी राज्य सरकार वाले राज्य हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) को अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) के लिए चुना था।
हिमाचल में सिंघवी की हुई थी हार
हिमाचल में नंबर गेम बतौर कांग्रेस उम्मीदवार सिंघवी के आसानी से पक्ष में था, लेकिन बीजेपी (BJP) ने पूर्व कांग्रेसी हर्ष महाजन (Harsh Mahajan) को उतारकर कांग्रेस में बगावत करा दी। मतगणना में दोनों को बराबर वोट मिले, लेकिन पर्ची हर्ष महाजन के नाम की निकली और बदकिस्मती से सिंघवी चुनाव हार गए। फिलहाल सिंघवी सांसद नहीं हैं, लेकिन सिंघवी के बारे में दिलचस्प तथ्य ये भी है कि वो चाहते तो टीएमसी (TMC) और आप के टिकट पर आसानी से राज्यसभा जा सकते थे। उनको ऑफर भी था, लेकिन उनका कांग्रेस प्रेम ही रहा कि वो राज्यसभा में सिर्फ कांग्रेस के सिंबल पर ही जाना चाहते हैं।
तेलंगाना से सिंघवी को राज्यसभा भेजने का प्लान
ऐसे में कांग्रेस आलाकमान ने भी सिंघवी को राज्यसभा भेजने के लिए लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) खत्म होते ही तेजी से होमवर्क शुरू कर दिया। दरअसल, 2026 तक कांग्रेस को कहीं से राज्यसभा सीट मिलने की उम्मीद नहीं है। इस बीच तेलंगाना के सीएम ने सियासी दांव चला। पुराने धुरंधर 85 साल कांग्रेसी दिग्गज और बीआरएस (BRS) से राज्यसभा सांसद के केशव राव (K Keshav Rao) की कांग्रेस में 3 जून को वापसी करा दी।
सबसे दिलचस्प बात ये रही कि केशव राव राज्यसभा से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हुए, जबकि उनका 2 साल का राज्यसभा का कार्यकाल बचा हुआ था। तभी 6 जून को के केशव राव (K Keshav Rao) को तेलंगाना के मुख्यमंत्री का एडवाइजर बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर संतुष्ट किया गया।
तेलंगाना से कांग्रेस उम्मीदवार की जीत तय
राज्य में आंकड़ों के दम पर के केशव राव (K Keshav Rao) की सीट के बचे 2026 तक के कार्यकाल के लिए कांग्रेस आसानी से अपने उम्मीदवार को जिता लेगी। ऐसे में माना जा रहा है कि 2026 तक के लिए सिंघवी तेलंगाना से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद बनकर फिर उच्च सदन में जाएं। फिर 2026 में कार्यकाल खत्म होने पर उनको 6 साल के लिए पार्टी पूर्णकालिक कार्यकाल तेलंगाना या किसी और राज्य से दे देगी। तेलंगाना सीएम रेवन्त रेड्डी (Telangana CM Revanth Reddy), कांग्रेस आलाकमान और सिंघवी के बीच इस बावत चर्चा अंतिम दौर में है और सब कुछ इसी दिशा में चला तो सिंघवी जल्दी ही फिर से राज्यसभा पहुंच जाएंगे।