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गर्मी के इस मौसम में प्रदेश के जंगल भी नहीं बच पा रहे आग की घटनाओं से

बीते एक माह में ही 22 जिलों के जंगल आग की चपेट में आ चुके हैं। इसकी वजह से करीब ढाई लाख एकड़ का वन क्षेत्र प्रभावित हो चुका है। इसके बाद भी विभाग का दावा है कि प्रदेश में आग को लेकर कोई भयावह स्थिति नही है।

By Shital Kumar 
Updated Date

भोपाल। भले ही प्रदेश के जंगलों को बचाने का प्रयास हो रहा है लेकिन आगजनी की घटनाओं में इस गर्मी के मौसम में बढ़ोतरी होने लगी है। कुल मिलाकर जिम्मेदार प्रयास करने के बाद भी आग की घटनाओं से नहीं बचा पा रहे है।

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करीब ढाई लाख एकड़ का वन क्षेत्र प्रभावित

बीते एक माह में ही 22 जिलों के जंगल आग की चपेट में आ चुके हैं। इसकी वजह से करीब ढाई लाख एकड़ का वन क्षेत्र प्रभावित हो चुका है। इसके बाद भी विभाग का दावा है कि प्रदेश में आग को लेकर कोई भयावह स्थिति नही है। इसके बाद भी माना जा रहा है कि प्रदेश के कई जिलों के जंगलों में आग का बड़ा खतरा ही नहीं बना हुआ है , बल्कि प्रदेश के कई हिस्सों के जंगलों की आग भी शांत नही हुई है। बेहद अहम बात यह है कि गर्मी में लगने वाली आग की चपेट में अब तक 4 बाघ अभयारण्य क्षेत्र भी आ चुके हैं। जिससे वन संपदा के अलावा वन्य जीवों के लिए भी खतरा बढ़ गया है। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से वनों में आग की सूचनाएं मार्च के आखिरी से आने लगीं थी, जो अब बढ़ गई हैं।

 

संज्ञान लेकर विशेष दल भेजा है

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जिन जिलों में घने जंगल हैं, वहां वनों में लगातार आग लग रही हैं। जंगल की इस आग के बीच आबादी क्षेत्र से सटे जंगल में हाईवे किनारे जंगल की आग को विभाग भी संदिग्ध मान रहा है। शिवपुरी में सतनवाड़ा रेंज क्षेत्र के जंगल में पिछले एक महीने से लगी आग पर विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल ने संज्ञान लेकर विशेष दल भेजा है। जबकि शहडोल के जैतपुर में पिछले दिनों से जंगलों की आग का जायजा लेने वन राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार खुद जायजा लेने गए थे। सीधी के संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान भी आग की चपेट में आ चुका है। अभी भी सीधी के जंगलों में आग धधक रही है।

इसी तरह से शिवपुरी जिले के माधव राष्ट्रीय उद्यान को पिछले महीने ही बाघ अभयारण्य का दर्जा मिला है। इस अभ्यारण के सतनवाड़ा रेंज में पिछले एक महीने से अलग-अलग हिस्सों में आग लग चुकी है। उधर, शिवपुरी से ग्वालियर के बीच कई किलोमीटर तक दोनों ओर जंगल में आग कभी भी देखी जा सकती है। ग्वालियर के घाटीगांव क्षेत्र में सोनचिरैया अभ्यारण्य भी आग की चपेट में है। ग्वालियर के आसपास की पहाडिय़ां आग से खाक हो गई हैं। इधर पन्ना का बाघ अभ्यारण्य के बफर जोन में आग लग चुकी है जबकि भोपाल में ही बीते कलियासोत बांध के समीप बाघ अभ्यारण्य क्षेत्र में कई एकड़ जंगल में आग लगी। इसी तरह से शहडोल हाल ही में पपौधा क्षेत्र, जैतपुर वन क्षेत्र में बड़े स्तर पर आग लगी। बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा भी आग की चपेट में आ चुका है।
इन जिलों के जंगलों में लग चुकी है आग
प्रदेश के घने जंगल वाले जिले बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, निवाड़ी, छतरपुर, टीकमगढ़, अनूपपुर की मैकल पहाड़ी, दमोह की पाटना वीट, खंडवा, बड़वानी, श्योपुर, कटनी रीठी वन परिक्षेत्र, सागर जैसीनगर क्षेत्र आग की चपेट में आ चुके हैं।

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