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India-Russia Oil Trade: भारत अब रूस से और ज्यादा तेल खरीदेगा! ट्रंप की धमकियों और टैरिफ से फर्क नहीं पड़ता

India-Russia Oil trade: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों और मनमाने टैरिफ का भारत पर कोई खास असर नजर नहीं आ रहा है, क्योंकि भारत अपने पुराने दोस्त रूस से व्यापार जारी रखने वाला है। खबर है कि सितंबर में भारत और ज्यादा रूस तेल खरीदने वाला है। फिलहाल, सरकार या भारतीय रिफाइनरीज की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

By Abhimanyu 
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India-Russia Oil trade: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) की धमकियों और मनमाने टैरिफ का भारत पर कोई खास असर नजर नहीं आ रहा है, क्योंकि भारत अपने पुराने दोस्त रूस से व्यापार जारी रखने वाला है। खबर है कि सितंबर में भारत और ज्यादा रूस तेल खरीदने वाला है। फिलहाल, सरकार या भारतीय रिफाइनरीज की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

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रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, डीलरों का कहना है कि सितंबर में भारत को रूसी तेल निर्यात बढ़ने की संभावना है, क्योंकि नई दिल्ली अमेरिका के उन दंडात्मक टैरिफ़ों को नकार रहा है जो देश को व्यापार बंद करने और मास्को को यूक्रेन के साथ शांति समझौते की ओर धकेलने के लिए डिज़ाइन किए गए थे। भारत रूसी तेल आपूर्ति का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है, जो 2022 में मास्को द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण विस्थापित हो गई थी। इससे (Indian Refineries) को सस्ते कच्चे तेल का लाभ मिला है।

तेल खरीद प्रक्रिया में शामिल तीन सूत्रों ने बताया कि भारतीय रिफाइनरीज (Indian Refineries) अगस्त की तुलना में सितंबर में 10 से 20 फीसदी ज्यादा या रूसी तेल (Russian Oil) खरीदेंगे। खरीद 1 लाख 50 हजार से लेकर 3 लाख बैरल प्रतिदिन बढ़ सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, अगले महीने रूस के पास बेचने के ज्यादा तेल उपलब्ध होगा। इसकी वजह पहले से तय आ अचानक आने वाली रुकावटों के चलते रूसी रिफाइनरीज (Russian Refineries) की कच्चे तेल (Crude Oil) को ईंधन में बदलने की क्षमता में कमी आई है। वहीं, जारी युद्ध के दौरान यूक्रेन ने हाल के दिनों में रूस की 10 रिफाइनरी पर हमला किया है।

रिपोर्ट के अनुसार, अगर भारत ने तेल खरीदना बंद कर दिया, तो रूस अपना मौजूदा निर्यात बरकरार नहीं रख पाएगा। इसका सीधा असर उसके तेल से मिलने वाले राजस्व पर पड़ेगा। बता दें कि अमेरिकी प्रशासन, भारत-रूस के बीच व्यापार पर आपत्ति जता रहा है। ट्रंप की शुरुआती घोषणा में 25 प्रतिशत टैरिफ और जुर्माना शामिल थे। वहीं, 25 फीसदी शुल्क और लगाया गया। इस लिहाज से भारत पर कुल टैरिफ 50 फीसदी पहुंच गया।

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