सीजफायर (Ceasefire) के बाद पीओके (POK) को लेकर भारत ने रविवार को बड़ा बयान दिया है। सूत्रों के मुताबिक, भारत ने कहा है कि कश्मीर (Kashmir) पर हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है। अब केवल एक ही मुद्दा बचा है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को वापस करना। इसके अलावा और कोई बात नहीं है।
नई दिल्ली। सीजफायर (Ceasefire) के बाद पीओके (POK) को लेकर भारत ने रविवार को बड़ा बयान दिया है। सूत्रों के मुताबिक, भारत ने कहा है कि कश्मीर (Kashmir) पर हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है। अब केवल एक ही मुद्दा बचा है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को वापस करना। इसके अलावा और कोई बात नहीं है। अगर वे आतंकियों को सौंपने की बात करते हैं, तो हम बात कर सकते हैं। हमारा किसी और विषय पर बात नहीं करना चाहते हैं। हम नहीं चाहते कि कोई मध्यस्थता करे। हमें किसी की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है।
भारत पाकिस्तान तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस (US Vice President JD Vance) से साफ तौर पर कहा था कि अगर पाकिस्तान कोई हरकत करता है, तो भारत का जवाब पहले से कहीं ज्यादा तेज और खतरनाक होगा। बताया जा रहा है कि उसी रात पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ 26 ठिकानों पर हमला किया, जिसका भारत ने बेहद जोरदार जवाब दिया।
ये जानकारी न्यू यॉर्क टाइम्स के सूत्रों से समाचार एजेंसी एएनआई ने दी है। गौरतलब है कि जेडी वेंस उस वक्त भारत में ही थे, जब 22 अप्रैल को पहलगाम में बड़ा आतंकी हमला हुआ था। उसी दिन अमेरिका की तरफ से वेंस ने पीएम मोदी से बात की और कहा कि अमेरिकी एजेंसियों का आकलन है कि भारत-पाक के बीच का तनाव कभी भी पूरी जंग में बदल सकती है।
वहीं जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव ज्यादा बढ़ गया तो वेंस की ओर से हस्तक्षेप उस बयान के बाद आया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत-पाक संघर्ष अमेरिका का मामला नहीं है। लेकिन हालात बिगड़ते देख अमेरिका ने स्थिति संभालने की कोशिश की। फिलहाल दोनों देशों के बीच सीजफायर जारी है, मगर सीमा पर तनाव बना हुआ है।
अमेरिका कर रहा मध्यस्थता का दावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने शनिवार को घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान तत्काल और पूर्ण संघर्षविराम पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने साथ ही दावा किया कि ऐसा अमेरिका की मध्यस्थता वाली वार्ता के कारण संभव हो सका है। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इसे अमेरिका की मध्यस्थता वाला संघर्षविराम बताया तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की शांति का मार्ग चुनने के लिए उनके विवेक और राजनीतिक सूझबूझ की सराहना की।
दोनों देशों के बीच हुई सीधे बातचीत
भारत नई दिल्ली में सरकारी सूत्रों ने हालांकि कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर दोनों देशों के बीच सीधे तौर पर बातचीत हुई। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) ने आज अपराह्न भारतीय डीजीएमओ से फोन पर बातचीत की जिसके बाद चर्चा हुई और सहमति बनी। इस्लामाबाद में पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इसहाक डार ने तत्काल प्रभाव से संघर्षविराम की पुष्टि की।
ऑपरेशन सिंदूर नहीं हुआ खत्म
सूत्रों के मुताबिक, भारत का साफ कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है। सेना को जवाब देने की पूरी छूट है। सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने आज भी पश्चिमी सीमा कमांडरों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कमांडरों के साथ सीमा सुरक्षा की समीक्षा की। सेना प्रमुख ने जवाबी कार्रवाई के लिए पूर्ण अधिकार दिए। भारत का साफ कहना है कि पाकिस्तान के हर हमले का माकूल जवाब दिया जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर से भारत के 3 मकसद पूरे
ऑपरेशन सिंदूर से भारत के 3 मकसद पूरे हुए। पहला सैन्य मकसद ये कि पाकिस्तान को मिट्टी में मिला दिया। पाक को घुसकर मारा। उसके कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। 7 मई की स्ट्राइक में जैश को भारी नुकसान हुआ। बहावलपुर, मुदीरके, मुजफ्फाराबाद जैसे कैंप तबाह कर दिए गए। दूसरा राजनीतिक मकसद भी पूरा हुआ।
सिंधु जल संधि सीमा पार आतंकवाद से जुड़ी है। जब तक सीमा पार से आतंकवाद बंद नहीं हो जाता, तब तक यह स्थगित रहेगी। तीसरा मकसद ये कि ‘घुस के मारेंगे’ यानी भारत ने पाकिस्तान के घर में घुसकर उस वॉर किया। उसके कई एयरबेस को तबाह कर दिया।