Iran Nuclear Program: ईरान-इजरायल के बीच सैन्य संघर्ष के 12वें दिन, यानी मंगलवार को सीजफायर हो गया। दोनों देशों ने सीजफायर की पुष्टि की है और इस जंग में अपनी जीत का दावा किया। हालांकि, इस टकराव में ईरान और इजरायल को जान-माल का काफी नुकसान झेलना पड़ा है। हालांकि, जिस न्यूक्लियर प्रोग्राम को इस संघर्ष की वजह माना गया है। ईरान उसे बंद करने के लिए अभी भी तैयार नहीं है।
Iran Nuclear Program: ईरान-इजरायल के बीच सैन्य संघर्ष के 12वें दिन, यानी मंगलवार को सीजफायर हो गया। दोनों देशों ने सीजफायर की पुष्टि की है और इस जंग में अपनी जीत का दावा किया। हालांकि, इस टकराव में ईरान और इजरायल को जान-माल का काफी नुकसान झेलना पड़ा है। हालांकि, जिस न्यूक्लियर प्रोग्राम को इस संघर्ष की वजह माना गया है। ईरान उसे बंद करने के लिए अभी भी तैयार नहीं है।
सीजफायर के बाद ईरान की राजधानी तेहरान में कल विक्ट्री सेलिब्रेशन प्रोग्राम भी आयोजित किया गया। इस बीच ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि उनका देश न्यूक्लियर प्रोग्राम बंद नहीं करेगा। उन्होंने इस तकनीक को हासिल करने के लिए बहुत मेहनत की है। उनके वैज्ञानिकों ने बलिदान दिए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायल और अमेरिका की ओर ईरान के न्यूक्लियर साइट्स पर किए गए हमलों में करीब 14 वैज्ञानिकों की मौत हुई है।
दूसरी तरफ, इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ईरान के खिलाफ ऐतिहासिक जीत करार दिया है। नेतन्याहू कहा कि ईरान के खिलाफ इजराइल ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है, जो पीढ़ियों तक याद रखी जाएगी। उन्होंने कहा, “हम शेर की तरह उठे और हमारी दहाड़ ने तेहरान को हिला दिया।” बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ने मंगलवार तड़के 3:30 बजे सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सबसे पहले ईरान-इजरायल के बीच सीजफायर की जानकारी दी थी।
सीजफायर लागू होने के बाद BRICS (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका देशों का संगठन) ने एक बयान जारी कर ईरान पर हुए अमेरिकी और इजराइली हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन करार दिया है। BRICS ने कहा कि ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटीज पर हमला न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के दिशा-निर्देशों के भी खिलाफ है।
BRICS ने बयान में तनाव घटाने और मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीकों से सुलझाने की अपील की। संगठन ने कहा, “अब वक्त है कि सभी पक्ष युद्ध का रास्ता छोड़कर कूटनीति की ओर लौटें और बातचीत के जरिए समाधान निकालें।”
बता दें कि ईरान-इजरायल के बीच 12 दिन तक चले सैन्य संघर्ष में दोनों देशों को काफी नुकसान हुआ है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायली हमलों में ईरान में 657-800 लोग मारे गए, जिनमें 263 नागरिक थे। इजरायल ने ईरान के नतांज, फोर्डो और पार्चिन जैसे परमाणु और सैन्य ठिकानों को नुक्सान पहुंचाया। वहीं, ईरान के हमले में इजरायल के 24-30 नागरिक मारे गए। इस दौरान इजरायल के तेल अवीव, हाइफा और बीर शेवा में नागरिक और सैन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा।