पाकिस्तान (Pakistan) में इस्लामाबाद हाईकोर्ट (Islamabad High Court) ने बुधवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI ) महासचिव असद उमर (Asad Umar) की तुरंत रिहाई का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने सार्वजनिक व्यवस्था अध्यादेश के रखरखाव के तहत उनके नजरबंदी के आदेश को रद्द कर दिया साथ ही कहा कि उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी है। असद उमर इमरान खान (Imran Khan) के करीबी सहयोगी है।
नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) में इस्लामाबाद हाईकोर्ट (Islamabad High Court) ने बुधवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI ) महासचिव असद उमर (Asad Umar) की तुरंत रिहाई का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने सार्वजनिक व्यवस्था अध्यादेश के रखरखाव के तहत उनके नजरबंदी के आदेश को रद्द कर दिया साथ ही कहा कि उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी है। असद उमर इमरान खान (Imran Khan) के करीबी सहयोगी है।
राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों के बाद लिया था हिरासत में
अदालत की अध्यक्षता न्यायमूर्ति मियांगुल औरंगजेब ने की, सुनवाई को दौरान उन्होंने फैसला सुनाया कि उनकी गिरफ्तारी एमपीओ (लोक व्यवस्था अध्यादेश के रखरखाव) के उल्लंघन में थी। 10 मई को, पीटीआई (PTI ) के अध्यक्ष इमरान खान (Imran Khan) की गिरफ्तारी पर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों के एक दिन बाद, उमर को एमपीओ के तहत आईएचसी मैदान से हिरासत में लिए लिया था।
भड़काऊ ट्वीट डिलीट करने का आदेश
न्यायमूर्ति औरंगजेब ने कहा कि असद उमर के मामले मेरे सामने हैं। अगर मैं आज आदेश जारी करता हूं, तो मुझे नहीं पता कि कल क्या होगा। अदालत ने उमर को अपने भड़काऊ ट्वीट डिलीट करने और एक हलफनामा जमा करने का आदेश दिया। एक रिपोर्ट में बताया कि इससे पहले 12 मई को असद उमर ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (IHC) परिसर में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी।
उमर ने अपनी याचिका में कहा कि गिरफ्तारी के दौरान मेरे मौलिक मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया। वहीं फैसले में अदालत ने पीटीआई नेता असद को हिंसक विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं बनने के लिए एक हलफनामा प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।
हिंसा भड़कने के बाद पकड़ा था असद उमर
बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई (PTI ) के अध्यक्ष इमरान खान (Imran Khan) की गिरफ्तारी के खिलाफ देशव्यापी विरोध के बीच हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 10 मई को उमर को एमपीओ के तहत आईएचसी परिसर से हिरासत में लिया गया था। हिंसक विरोध के फैलने के 24 घंटे के भीतर पीटीआई (PTI ) के कई अन्य शीर्ष नेताओं को भी इस्लामाबाद से हिरासत में लिया गया था।