Israel occupies Syrian territory: सीरिया में इस्लामिक विद्रोहियों ने राष्ट्रपति बशर अल-असद की सत्ता को उखाड़ फेंका है, और असद ने अपने परिवार के साथ भागकर रूस में शरण ले ली है। इस बीच इजरालय ने सीरिया में तख्तापलट का फायदा उठाना शुरू कर दिया है। दरअसल, इजरायल ने सीरिया से लगते गोलान हाइट्स के एक बड़े इलाके पर नियंत्रण कर लिया है।
Israel occupies Syrian territory: सीरिया में इस्लामिक विद्रोहियों ने राष्ट्रपति बशर अल-असद की सत्ता को उखाड़ फेंका है, और असद ने अपने परिवार के साथ भागकर रूस में शरण ले ली है। इस बीच इजरालय ने सीरिया में तख्तापलट का फायदा उठाना शुरू कर दिया है। दरअसल, इजरायल ने सीरिया से लगते गोलान हाइट्स के एक बड़े इलाके पर नियंत्रण कर लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायल ने सीरिया से लगते गोलान हाइट्स के एक बड़े इलाके को अपने कब्जे में लेकर वहां आबादी का समीकरण भी बदलने की पूरी तैयारी कर ली है। इस इलाके में कॉलोनी बसाने, उद्योग विकसित करने और एक स्टूडेंट विलेज बनाने की तैयारी है। इतना ही नहीं, इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की अध्यक्षता में रविवार को कैबिनेट ने 11 मिलियन डॉलर के एक फंड को मंजूरी भी दी है।
इजरायल का मकसद गोलान हाइट्स के नियंत्रण में लिए इलाके में यहूदियों की आबादी में इजाफा किया जाएगा, जिससे संतुलन स्थापित हो सके। गोलान हाइट्स में यहूदी और ड्रूज की 50-50 फीसदी आबादी है। इस मामले में इजरायल सरकार का कहना है कि फंड का इस्तेमाल शिक्षा, नवीकरणनीय ऊर्जा, स्टूडेंट विलेज की स्थापना के लिए किया जाएगा। यह प्लान फिलहाल उसके नियंत्रण वाले इलाके के लिए ही है।
इस मामले में पीएम नेतन्याहू ने कहा कि गोलान हाइट्स में खुद को ताकतवर बनाना एक तरह से इजरायल को ही मजबूत करना है। इस समय यह बेहद जरूरी है। हम अपने इस एजेंडे पर आगे बढ़ते रहेंगे। बता दें कि इजरायल ने 1967 की मशहूर 6 दिनों की जंग में गोलान हाइट्स के इलाके को जीता था। इस जंग में इजरला के खिलाफ सीरिया समेत अरब के कई देश थे। इजरायल ने अकेले लड़े इस युद्ध के बाद 1981 में इलाके का विलय कर लिया था।
हालांकि, अरब के ज्यादातर देश इजरालय के नियंत्रण का विरोध करते रहे हैं। लेकिन, अमेरिका ने 2019 में इसे इजरायली इलाके के तौर पर मंजूरी दे दी थी। अब इजरायल के इस कदम को सऊदी अरब ने सीरिया के खिलाफ साजिश करार दिया है। सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय का कहना है कि इजरायल ने सीरिया में जारी अस्थिरता का फायदा उठाने के लिए यह कदम उठाया है। यह इजरायल के कब्जे की कोशिश का एक नया कदम है।