HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. देश
  3. हम सभी का कर्तव्य महिलाएं सुरक्षित महसूस करें…दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता जताते हुए ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

हम सभी का कर्तव्य महिलाएं सुरक्षित महसूस करें…दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता जताते हुए ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में ममता बनर्जी ने लिखा कि, ...मैं आपके ध्यान में लाना चाहती हूं कि देश भर में बलात्कार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार कई मामलों में बलात्कार के साथ हत्या भी की जाती है। यह देखना भयावह है कि देश भर में प्रतिदिन लगभग 90 बलात्कार के मामले होते हैं।

By शिव मौर्या 
Updated Date

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के बाद हत्या के मामले ने देशभर के लोगों को झकझोर दिया। बीते कई दिनों से इस घटन को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है और आरोपी पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है। इन सबके बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि, ऐसे मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए ऐसे मामलों में त्वरित सुनवाई के लिए फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतों की स्थापना पर भी प्रस्तावित कानून में विचार किया जाना चाहिए।

पढ़ें :- Gautam Adani Bribery Fraud Case : 'मोदी-अदाणी एक हैं, तो सेफ हैं',राहुल गांधी ने अडानी के गिरफ्तारी व माधबी बुच को पद से हटाने की मांग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में ममता बनर्जी ने लिखा कि, …मैं आपके ध्यान में लाना चाहती हूं कि देश भर में बलात्कार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार कई मामलों में बलात्कार के साथ हत्या भी की जाती है। यह देखना भयावह है कि देश भर में प्रतिदिन लगभग 90 बलात्कार के मामले होते हैं।

इससे समाज और राष्ट्र का विश्वास और विवेक डगमगाता है। हम सभी का यह कर्तव्य है कि हम इसे समाप्त करें ताकि महिलाएं सुरक्षित महसूस करें। ऐसे गंभीर और संवेदनशील मुद्दे को कठोर केंद्रीय कानून के माध्यम से व्यापक तरीके से संबोधित करने की आवश्यकता है, जिसमें ऐसे जघन्य अपराधों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कठोर सजा का प्रावधान हो।

उन्होंने पत्र में आगे लिखा कि, ऐसे मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए ऐसे मामलों में त्वरित सुनवाई के लिए फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतों की स्थापना पर भी प्रस्तावित कानून में विचार किया जाना चाहिए। ऐसे मामलों में सुनवाई अधिमानतः 15 दिनों के भीतर पूरी की जानी चाहिए।

पढ़ें :- चुनाव आयोग से मिला आश्वासन, प्रशासन व पुलिस के बेईमान अधिकारी बख़्शे नहीं जाएंगे : अखिलेश यादव

 

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...