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कानून की रक्षा के लिए उस समय कारसेवकों पर गोली चलवाई थी वह सरकार का अपना कर्तव्य था: स्वामी प्रसाद मौर्य

कासगंज में स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि, जिस समय अयोध्या में राम मंदिर पर घटना घटी थी, बिना न्यायपालिका के किसी निर्देश के, बिना किसी आदेश के अराजक तत्वों ने जो तोड़-फोड़ की थी। उसपर तत्कालिन सरकार ने संविधान की, कानून की रक्षा के लिए उस समय जो गोली चलवाई थी। वह सरकार का अपना कर्तव्य था। उन्होंने अपना कर्तव्य निभाया था।

By शिव मौर्या 
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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य का एक बार फिर विवादित बयान आया है। यूपी के कासगंज में उन्होंने कहा कि, उस समय तत्कालिन सरकार ने संविधान की, कानून की रक्षा के लिए उस समय जो गोली चलवाई थी वह सरकार का अपना कर्तव्य था। स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान के बाद भाजपा समेत अन्य दलों के नेताओं की तरफ से उन पर निशाना साधा जा रहा है। काग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि, समाजवादी पार्टी और स्वामी प्रसाद मौर्य की कहानी विक्रम बेताल जैसी है।

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कासगंज में स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि, जिस समय अयोध्या में राम मंदिर पर घटना घटी थी, बिना न्यायपालिका के किसी निर्देश के, बिना किसी आदेश के अराजक तत्वों ने जो तोड़-फोड़ की थी। उसपर तत्कालिन सरकार ने संविधान की, कानून की रक्षा के लिए उस समय जो गोली चलवाई थी। वह सरकार का अपना कर्तव्य था। उन्होंने अपना कर्तव्य निभाया था।

दरअसल, समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य मंगलवार को बौद्ध एकता समिति की ओर से गनेशपुर में आयोजित बौद्ध जन जागरूकता सम्मेलन में मौजूद लोगों को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस समय कारसेवकों पर गोली चलवाने का आदेश जारी किया गया था, उस समय तत्कालीन सरकार अपने फर्ज को निभा रही थी। वह अपने कर्तव्य का पालन कर रही थी।

वहीं, कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि, समाजवादी पार्टी और स्वामी प्रसाद मौर्य की कहानी विक्रम बेताल जैसी है। अखिलेश यादव के ऊपर स्वामी प्रसाद मौर्य का भूत चढ़ गया है। वे स्वामी प्रसाद मौर्य से डरते हैं, वे जानते हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा के व्यक्ति है, उनके बयानों से उनकी पार्टी का बेड़ा गर्क होगा और वे जानते हैं कि अगर स्वामी प्रसाद मौर्य ऐसे ही बयान देते रहे तो उत्तर प्रदेश में भाजपा को आने से कोई नहीं रोक सकता फिर भी पता नहीं क्या मजबूरी है।

 

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