Rajya Sabha discussion on constitution: वन नेशन, वन इलेक्शन का प्रावधान करने के लिए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा से पहले 'संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024' पेश करने से पहले राज्यसभा में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। सदन में संविधान पर चर्चा के दौरान जेपी नड्डा ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। बिल का विरोध कर रही कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आपने बारंबार चुनी हुई सरकारों को गिराया और देश को हर तरीके से मुसीबत में डालने का काम किया।
Rajya Sabha discussion on constitution: वन नेशन, वन इलेक्शन का प्रावधान करने के लिए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा से पहले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024’ पेश करने से पहले राज्यसभा में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। सदन में संविधान पर चर्चा के दौरान जेपी नड्डा ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। बिल का विरोध कर रही कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आपने बारंबार चुनी हुई सरकारों को गिराया और देश को हर तरीके से मुसीबत में डालने का काम किया।
राज्यसभा में केन्द्रीय मंत्री और भाजपा के सांसद जेपी नड्डा ने 44वें संविधान संशोधन का उल्लेख करते हुए कहा, “हमने इमरजेंसी को री-डिफाइन किया और इंटरनल डिस्टर्बेंस की जगह सैन्य विद्रोह को कारण माना। वन नेशन, वन इलेक्शन के विरोध में खड़े हैं। आपको बताना चाहता हूं कि आपके ही कारण ये लाने की जरूरत पड़ रही है। आपने बारंबार चुनी हुई सरकारों को गिराया और देश को हर तरीके से मुसीबत में डालने का काम किया। मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए आपने क्या किया।” उन्होंने कहा, “आपातकाल क्यों लगाया गया? क्या देश ख़तरे में था? नहीं, देश ख़तरे में नहीं था। कुर्सी खतरे में थी। बात सिर्फ कुर्सी की थी. इससे पूरा देश अंधकार में डूब गया।”
नड्डा ने यह भी कहा, “अनुच्छेद 370 में, 35A को 1954 में राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से लाया गया था और 35A को राष्ट्रपति का दर्जा दिया गया था, वो भी संसद में बहस के बिना। आजकल लोकतंत्र के बारे में बहुत चर्चा होती है लेकिन आप अनुच्छेद 370 में 35A को राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से लाते हैं और आप उस पर बहस भी नहीं करते हैं। 35A में परिभाषित किया गया था कि जम्मू-कश्मीर का नागरिक कौन होगा। केवल उन्हें ही नागरिक माना जाएगा जो 1944 से पहले रहते थे।”
उन्होंने कहा, “एक काम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दिया गया था और हम सभी ने इसे पिछले दरवाजे से अनुच्छेद 370 और 35A के रूप में देखा। अनुच्छेद 370 के प्रभाव पर कभी चर्चा नहीं की गई। भारतीय संसद द्वारा पारित 106 कानून जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं थे, जिसमें अत्याचार निवारण अधिनियम, मानवाधिकार अधिनियम शामिल हैं आपको यह जानकर भी आश्चर्य होगा कि अगर कोई कश्मीरी बहन किसी गैर-कश्मीरी से शादी कर लेती थी, तो उसे संपत्ति के अधिकार से भी वंचित कर दिया जाता था।”