कानपुर हैलट अस्पताल (Kanpur Hallet Hospital) में स्वास्थ्यकर्मियों की भारी लापरवाही पर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए जूनियर डॉक्टर सहित दो स्वास्थ्यकर्मियों को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है और तीन दिन में मामले की विस्तृत रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है।
कानपुर। कानपुर हैलट अस्पताल (Kanpur Hallet Hospital) में स्वास्थ्यकर्मियों की भारी लापरवाही पर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए जूनियर डॉक्टर सहित दो स्वास्थ्यकर्मियों को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है और तीन दिन में मामले की विस्तृत रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है।
प्रदेश के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy CM and Health Minister Brajesh Pathak) ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। लापरवाही में जूनियर डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ समेत तीन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है।
जानें क्या था पूरा मामला?
हैलट के जूनियर डॉक्टर ने जिंदा रोगी को मृत घोषित कर दिया और उसकी पुलिस इनफॉर्मेशन स्वरूपनगर थाने भेज दी। पुलिस ने शव लेने के लिए रोगी के परिजनों को फोन किया तो वे हैलट आए। यहां वार्ड में रोगी को जिंदा देखकर सबके होश उड़ गए।
मामला मेडिसिन वार्ड का है। यहां मेडिसिन वार्ड नंबर 12 में दो लावारिस रोगी भर्ती किए गए थे। बेड नंबर 42 पर विनोद (42) और बेड नंबर 43 पर एक 60 वर्षीय वृद्ध भर्ती था। दोनों रोगी डॉ. ब्रजेश कुमार की यूनिट में भर्ती रहे हैं। वृद्ध की मौत हो गई। वार्ड में तैनात जूनियर डॉक्टर ने बिना पल्स चेक किए या अन्य जरूरी जांच किए फाइल विनोद की बना दी। उसे मृत घोषित करके पीआई भी भेज दी। पुलिस ने फाइल पर लिखे फोन नंबर पर संपर्क किया तो विनोद के साथी और घर वाले आ गए तो उन्हें वह जिंदा मिला।