आयुर्वेदिक चिकित्सक के अनुसार कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल बीमारियों के अनुसार करने से हेल्दी रहने में मदद मिलती है। मूंगफली के तेल की बात करें तो मूंगफली का तेल वात को बढ़ाता है।
Which cooking oil is best for health: आजकल लोग खान पान और सेहत को लेकर काफी जागरुक हो गए है। इसी के चलते अपनी सेहत के अनुसार तेल का भी इस्तेमाल करते है। जिससे कई रोगो से खुद को बचा सकें। लेकिन आयुर्वेद में स्वस्थ रहने के लिए बीमारियों के हिसाब से कुकिंग ऑयल (cooking oil)का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।
आयुर्वेदिक चिकित्सक के अनुसार कुकिंग ऑयल (cooking oil) का इस्तेमाल बीमारियों के अनुसार करने से हेल्दी रहने में मदद मिलती है। मूंगफली के तेल की बात करें तो मूंगफली का तेल वात को बढ़ाता है।
इसलिए अगर डाइजेशन खराब रहता है तो मूंगफली के तेल को कुकिंग ऑयल (cooking oil) के तौर पर यूज नहीं करना चाहिए। अगर डाइजेशन ठीक है तो मूंगफली का तेल यूज कर सकते है।
इसके अलावा सरसों के तेल का हीटिंग टेंपरेचर बहुत अधिक होता है। इसलिए सरसों का तेल सोरायसिस, एक्जिमा और स्किन की अन्य बीमारियों में नहीं खाना चाहिए। सरसों का तेल में पका खाना डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।
इसके अलावा जिन लोगो को थकान रहती है। उन्हें नारियल के तेल में पका खाना खाना चाहिए। अगर गैस और सीने में जलन जैसी समस्या से परेशान रहते है नारियल का तेल में पका खाना खाना चाहिए।
जो लोग वजन कम करना चाहते है उन्हें नारियल तेल को कुकिंग ऑयल (cooking oil) के तौर पर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें फैट की मात्रा अधिक होती है। जिन लोगो को न्यूट्रिशन की कमी होती है शरीर न्यूट्रिशन आसानी से अब्जार्ब नहीं करता उन्हें तिल का तेल खाना बनाने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए।
खाना पकाने के बेस्ट देसी घी होता है। ये पाचन को सही रखता है साथ ही पोषण देता है। देसी घी में पका खाना खाने से खून साफ करता है और हड्डियों, मसल्स और रिप्रोडक्टिव ऑर्गंस के टिश्यू को बनाने में हेल्प करता है। साथ ही अपच और लीवर की बीमारियों से भी दूर रखता है।