उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में किसान पथ पर बस जलकर राख हो गई थी। इस हादसे में पांच लोगो की जिंदा जलकर मौत हो गई थी। इस मामले में आरआई राघव कुमार कुशवाहा को परिवहन आयुक्त ने निलंबित कर दिया है। उसके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरु कर दी गई है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में किसान पथ पर बस जलकर राख हो गई थी। इस हादसे में पांच लोगो की जिंदा जलकर मौत हो गई थी। इस मामले में आरआई राघव कुमार कुशवाहा को परिवहन आयुक्त ने निलंबित कर दिया है। उसके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरु कर दी गई है।
यह जांच वाराणसी के संभागीय परिवहन अधिकारी शिखर ओझा को दी गई है। उन्हें यह जांच तीन महीने में पूरी करनी है। निलंबित आरआई राघव कुमार वर्तमान में बरेली में तैनात है। इसके साथ ही एक साल में जारी सभी फिटनेस प्रमाण पत्र की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित कर दी गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रारंभिक जांच में दुर्घटनाग्रस्त डबल डेकर बस का फिटनेस प्रमाण पत्र सिर्फ फोटो देख कर ही पिछले साल आठ अप्रैल को गोरखपुर से जारी किया गया था। संचालक अपनी बस को गोरखपुर नहीं ले गया था। इस वजह से ही आरआई को यह पता नहीं चला कि बस में आपातकालीन द्वाक बंद कर वहां सीट लगा दी गई थी। परिवहन आयुक्त ने बताया कि बस हादसे को गंभीरता से लिया गया है।
कहीं भी फिटनेस प्रणाली एनीवेयर फिटनेस के तहत पिछले एक साल में जारी सभी फिटनेस प्रमाण पत्रों की जांच कराई जाएगी। इस जांच के लिए प्रदेश स्तरीय समिति गठित की गई है। इसके अध्यक्ष अपर परिवहन आयुक्त संजय लिंह को बनाया गया है। समिति 15 दिन में पूरे प्रदेश में इस प्रणाली के दुरुपयोग के बारे में भी जांच करेंगे।
बस हादसे की शुरुआती जांच में आग लगने की वजह इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट पाया गया है। जांच में सामने आया है कि इस बस का फिटनेस प्रमाण पत्र पिछले साल आठ अप्रैल को गोरखपुर से जारी किया गया था। इसमे बस मौके पर नहीं ले जाई गई थी।
यह प्रमाण पत्र कबीं भी फिटनेस प्रणाली के तहत जारी हुआ था। बस की फोटो देखकर प्रमाण पत्र दे दिया गया था। इसमें एआईएश 119 के मानक के अनुसार न तो सीट ले आउट था और न ही आपात निकास द्वार था। इसकी पुष्टि भी हो गई कि 38 सीटर इस बस में आपात निकास द्वार को बंद कर बस में दस सीटें बढ़ा दी गई थी। यही वजह खी ि जब बस में आग लगी तो अंदर सभी यात्री समय से बाहर नहीं निकल सके।