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Lucknow University : प्रोफेसर को थप्पड़ जड़ने वाले छात्र नेता को पुलिस ने थाने से छोड़ा, जानिए कारण

यूपी के वाराणसी जिले में काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) पर विवादित टिप्पणी करने वाले हिन्दी विभाग के प्रो. रविकांत चंदन (Professor Ravikant)  को बुधवार को लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के समाजवादी छात्र सभा इकाई के अध्यक्ष कार्तिक पाण्डेय ने परिसर में थप्पड़ जड़ दिया था। इसके बाद प्रोफेसर रविकांत (Professor Ravikant)  को थप्पड़ जड़ने वाले छात्र नेता कार्तिक पांडेय को हसनगंज पुलिस ​ने हिरासत में ले लिया। इसके बाद छात्रों के भारी विरोध के चलते देर पुलिस ने उसको छोड़ दिया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी के वाराणसी जिले में काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) पर विवादित टिप्पणी करने वाले हिन्दी विभाग के प्रो. रविकांत चंदन (Professor Ravikant)  को बुधवार को लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के समाजवादी छात्र सभा इकाई के अध्यक्ष कार्तिक पाण्डेय ने परिसर में थप्पड़ जड़ दिया था। इसके बाद प्रोफेसर रविकांत (Professor Ravikant)  को थप्पड़ जड़ने वाले छात्र नेता कार्तिक पांडेय को हसनगंज पुलिस ​ने हिरासत में ले लिया। इसके बाद छात्रों के भारी विरोध के चलते देर पुलिस ने उसको छोड़ दिया है।

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प्रोफेसर रविकांत पर हिंसक हमला मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन करे कार्रवाई : एनएसयूआई

लखनऊ विश्वविद्यालय एनएसयूआई ने पत्र जारी कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद से राजनीतिक रूप से असक्रिय समाजवादी छात्र सभा के बर्खास्त अध्यक्ष इकाई अध्यक्ष कार्तिक पांडेय ने विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रविकांत चंदन पर वैचारिक मतभेद के आधार पर हिंसक हमला किया है। उन्होंने ऐसा कर विश्वविद्यालय की छवि और गुरु शिष्य परंपरा को क्षति पहुंचाई है। यह काफी दुखद है कि जो शिक्षक हमें जीवन का पाठ पढ़ाते हैं। छात्र उनका सम्मान तक करना भूल जाते हैं।

लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने कक्षाओं का किया बहिष्कार

इस पूरे प्रकरण में विश्वविद्यालय प्रशासन की चुप्पी निंदनीय है। प्रोफेसर के खिलाफ उपद्रवी प्रदर्शन के बावजूद प्रॉक्टोरियल बोर्ड का छात्रों के विरुद्ध कोई कार्रवाई न करना मामले को इस स्तर तक पहुंचाता है। लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने इस दुखद घटना के बाद कक्षाओं का बहिष्कार किया है। लखनऊ विश्वविद्यालय एनएसयूआई उसके निर्णय का पूर्ण समर्थन करती है। क्योंकि जहां सम्मान नहीं वहां ज्ञान नहीं। विश्वविद्यालय को लंबे ग्रीष्मावकाश की नहीं शांति की आवश्यकता है। हम आशा करते हैं विश्वविद्यालय प्रशासन सारे दोषियों के खिलाफ कोई निश्चित ही कार्रवाई करेगा।

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