होली पर्व पर बाबा महाकाल (Baba Mahakal) के गर्भगृह में केमिकल गुलाल खेला रहा रहा था। इस वजह से हुए भीषण अग्निकांड में जले एक सेवक की बुधवार सुबह मुंबई के अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई है। बतातें चलें कि बाबा महाकाल (Baba Mahakal) के सेवक सत्यनारायण सोनी (Sevak Satyanarayan Soni) का मुंबई उपचार चल रहा था।
मुंबई। होली पर्व पर बाबा महाकाल (Baba Mahakal) के गर्भगृह में केमिकल गुलाल खेला रहा रहा था। इस वजह से हुए भीषण अग्निकांड में जले एक सेवक की बुधवार सुबह मुंबई के अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई है। बतातें चलें कि बाबा महाकाल (Baba Mahakal) के सेवक सत्यनारायण सोनी (Sevak Satyanarayan Soni) का मुंबई उपचार चल रहा था।
बता दें कि हादसे में पुजारी कर्मचारी और कुल 14 सेवक गंभीर रूप से झुलस गए थे। इस अग्निकांड के बाद झुलसने से सभी लोगों को उपचार के लिए इंदौर के अरविंदो अस्पताल (Aurobindo Hospital of Indore) में भर्ती करवाया गया था। मंगलवार रात तक तो इस अग्निकांड में झुलसे सभी लोग स्वस्थ थे, लेकिन बुधवार सुबह मुंबई के अस्पताल में उपचार ले रहे बाबा महाकाल (Baba Mahakal) के सेवक सत्यनारायण सोनी (Sevak Satyanarayan Soni) की उपचार के दौरान मौत हो गई।
गौरतलब है कि महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) में 25 मार्च की सुबह 5.49 बजे भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में आग लग गई थी। इसमें पुजारी सहित 14 लोग झुलस गए थे। घायलों में 9 को इंदौर रेफर किया गया था। 5 का इलाज उज्जैन में ही चला था। इस मामले में गंभीर रूप से झुलसने के कारण 80 वर्षीय सत्यनारायण सोनी को इंदौर के अरविंदो अस्पताल (Aurobindo Hospital) में भर्ती कराया गया था, जहां से पिछले दिनों अच्छे उपचार के लिए मुंबई के अस्पताल में रेफर किया गया था।
बुधवार सुबह उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। बताया जाता है कि सत्यनारायण सोनी (Satyanarayan Soni) बाबा महाकाल (Baba Mahakal) के सच्चे सेवक थे, जो कि भस्म आरती में सफाई करना हो, पूजन सामग्री एकत्रित करना हो या अन्य कोई भी काम हमेशा हर कार्य करने के लिए तैयार रहते थे। महाकाल मंदिर के पुजारी बताते हैं कि बाबा महाकाल (Baba Mahakal)की पूजा करने के लिए भले ही कोई भी पुजारी का समय चल रहा हो, लेकिन उनके सहयोगी के रूप में सत्यनारायण सोनी (Satyanarayan Soni) सेवा देने के लिए जरूर मौजूद रहते थे।
बताया जाता है कि इस अग्निकांड में झुलसे पुजारी पुत्र मनोज शर्मा (43), पुजारी संजय शर्मा (50) और सेवक चिंतामण (65) का इलाज अभी भी इंदौर के अरविंदो अस्पताल (Aurobindo Hospital) में जारी है।