सनातन धर्म भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। शिव भक्ति के लिये व्रत ,उपवास, दान यज्ञ किए जाते है।
Masik Shivratri February 2024 : सनातन धर्म भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। शिव भक्ति के लिये व्रत ,उपवास, दान, यज्ञ किए जाते है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, शिवपूजा करने से जीव को अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है। मासिक शिवरात्रि भी इनमें से एक है। ये व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को किया जाता है। इसे शिव चतुर्दशी व्रत भी कहते हैं। माघ मास की मासिक शिवरात्रि का व्रत फरवरी 2024 में 08 फरवरी, गुरुवार की सुबह 11:17 से 09 फरवरी, शुक्रवार की सुबह 08:02 तक रहेगी।
जब व्यक्ति मासिक शिवरात्रि के दिन उपवास करके बिल्व पत्तियों से शिव की पूजा करता है और रात्रि भर जागरण करता है तो शिव उसे नरक से बचाते हैं और आनंद एवं मोक्ष प्रदान करते हैं और व्यक्ति स्वयं शिव हो जाता है।
भगवान शिव की आरती (Shiv ji Ki aarti)
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥