नया साल 2026 दहलीज पर खड़ा है। नव वर्ष 2026 के पहले महीन में ही मौनी अमावस्या पड़ेगी।पौराणिक ग्रथों में वर्णित है कि मौनी अमावस्या के दिन संगम में डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Mauni Amavasya 2026 : नया साल 2026 दहलीज पर खड़ा है। नव वर्ष 2026 के पहले महीन में ही मौनी अमावस्या पड़ेगी।पौराणिक ग्रथों में वर्णित है कि मौनी अमावस्या के दिन संगम में डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखा जाता है। पूरा दिन जो भक्त मौन व्रत नहीं रख पाते वे मौनी अमावस्या की पूजा करके व्रत पारण जल्दी कर लेते हैं। यह सालभर में पड़ने वाली सभी अमावस्या में सबसे महत्वपूर्ण, पवित्र और पुण्यदायी मानी जाती है। आइए जानते हैं नए साल 2026 में कब है मौनी अमावस्या.
मौनी अमावस्या 2025 तिथि
माघ महीने में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं, जोकि रविवार, 18 जनवरी 2026 को है। माघ मास के अमावस्या तिथि की शुरुआत 18 जनवरी 2026 को रात 12 बजकर 03 मिनट पर होगी और 19 जनवरी 2026 को देर रात 01 बजकर 21 तक रहेगी. पंचांग के अनुसार, उदयातिथि को देखते हुए 18 जनवरी 2026 को ही मौनी अमावस्या मान्य रहेगी।
मान्यता है कि अमावस्या पर संगम में आस्था की डुबकी लगाने से पितृ दोष, कालसर्प दोष और राहु-केतु की पीड़ा से भी छुटकारा मिलता है। मौनी अमावस्या पर भगवान विष्णु और शिव जी की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है।
इसके साथ ही मौनी अमावस्या पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध और तर्पण भी किए जाते है। इस तिथि पर किए गए दान-पुण्य का महत्व भी बढ़ जाता है।
मौनी अमावस्या को स्नान पर्व के रूप में भी मनाया जाता है. इस पावन दिन पर गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान का महत्व काफी बढ़ जाता है. धार्मिक मान्यता है कि, माघ महीने की अमावस्या पर गंगा नदी का जल अमृत के समान हो जाता है और इसमें स्नान करने (Ganga Snan) से अमृत समान जैसा पुण्य मिलता है और जाने-अनजाने किए पाप कर्म नष्ट होते हैं।
मौनी अमावस्या का दिन मौन व्रत के रूप में भी विशेष तिथि मानी जाती है। मौनी अमावस्या पर साधु-संत, साधक और कई भक्त ‘मौन व्रत’ (Maun Vrat) का पालन करते हैं। मान्यता है कि इस दिन रखे मौन व्रत से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
इसके साथ ही मौनी अमावस्या पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध और तर्पण भी किए जाते है। इस तिथि पर किए गए दान-पुण्य का महत्व भी बढ़ जाता है।