उत्तर प्रदेश के मेरठ में परीक्षणशाला खंड प्रथम में तैनात अवर अभियंता मनोज कुमार ने शुक्रवार को अपने आवास पर आत्महत्या की कोशिश की। आरोप है कि विभागीय अधिकारी उनका उत्पीड़न कर रहे है। जिसके चलते वह डिप्रेशन में थे।
मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में परीक्षणशाला खंड प्रथम में तैनात अवर अभियंता मनोज कुमार ने शुक्रवार को अपने आवास पर आत्महत्या की कोशिश की। आरोप है कि विभागीय अधिकारी उनका उत्पीड़न कर रहे है। जिसके चलते वह डिप्रेशन में थे।
आनन फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है। वहीं अवर अभियंता मनोज कुमार की आत्महत्या की कोशिश की खबर से विभाग में हड़कंप मच गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अवर अभियंता गुरुवार की शाम जागृति विहार एक्सटेंशन स्थित अपने आवास पर आये। सुबह वह ड्यूटी पर नहीं पहुंचे और मोबाइल क़ॉल रिसीव नहीं हुई को कुछ साथी कर्मचारियों और जूनियर इंजीनियर संगठन के पदाधिकारी उनके घर पहुंचे। वह बेहोशी की हालत में मिले। उनको निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनके परिजनों को कासगंज में सूचना दी गई। देर रात परिजन मेरठ पहुंचे।
अवर अभियंता मनोज कुमार के हवाले से जूनियर इंजीनियर संगठन के पश्चिमांचल सचिव आर ए कुशवाहा का आरोप है कि अधिशासी अभियंता मीटर्स राज कपूर, सहायक अभियंता मीटर्स मोनिका त्यागी दफ्तर में बैठ नौकरी करने और कर्मचारियों पर दबाव बनाने के साथ अपशब्दों का प्रयोग करते है।
आर ए कुशवाहा ने बताया कि जूनियर इंजीनियरों ने आपस में पैसा एकत्र कर कर्मचारी का उपचार शुरु कराया। राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियरर्स संगठन ने पीवीवीएनएल की एमडी और यूपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक से घटना की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
देर शाम मुख्य अभियंता मेरठ जोन द्वितीय यदुनाथ रामऔर अधीक्षण अभिषेक सिंह अस्पताल पहुंचे और अवर अभियंता के परिजनों से बातचीत की। उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। यदुनाथ यथार्थ नने बताया कि अवर अभियंताने एसडीओ मोनिका त्यागी के खिलाफ बयान दिया है।
आज एसडीओ का तबादला कर देंगे। साथ बी अधिसासी अभियंता द्वारा फोन कॉल रिसीव नहीं किए जाने और जूनियर इंजीनियरों द्वारा पैसा एकत्र करके अवर अभियंता का उपचार शुरु कराने के मामले की जांच कराएंगे। लापरवाही सामने आई तो विभागीय कार्यवाही होगी।