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मोदी सरकार ने ‘National Quantum Mission’ को दी मंजूरी, जानिए इसके फायदे

केंद्र मोदी सरकार (Modi Government) की बुधवार को कैबिनेट मीटिंग (Cabinet Meeting ) हुई। इस बैठक नेशनल क्वांटम मिशन (National Quantum Mission) को मंजूरी दे दी गई है। इसके तहत करीब 6003 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। 2023-2031 तक की अवधि के लिए ये लागू रहेगा।

By संतोष सिंह 
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नई दिल्ली। केंद्र मोदी सरकार (Modi Government) की बुधवार को कैबिनेट मीटिंग (Cabinet Meeting ) हुई। इस बैठक नेशनल क्वांटम मिशन (National Quantum Mission) को मंजूरी दे दी गई है। इसके तहत करीब 6003 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। 2023-2031 तक की अवधि के लिए ये लागू रहेगा।

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केंद्र सरकार का विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग क्वांटम (Department of Science and Technology) टेक्नोलॉजी और एप्लिकेशंस पर नेशनल मिशन को लीड करेगा। नेशनल क्वांटम मिशन (National Quantum Mission)  की घोषणा 3 साल पहले की गई थी, जो अब असल रूप ले रहा है। इस मिशन से क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम कंम्युनिकेशन, क्वांटम सेंसर और क्वांटम रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही मेट्रोलॉजी, क्वांटम मेटेरियल और इससे जुड़े डिवाइसेस को डेवलप करने में मदद मिलेगी।

जानें इस मिशन से क्या-क्या होगा?

प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) अजय कुमार सूद ने पिछले दिनों बताया था कि 4 वर्टिकल (क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम कॉम्युनिकेशंस, क्वांटम सेंसर, मेट्रोलॉजी), क्वांटम मेटेरियल और डिवाइस वाला एक नेशनल क्वांटम मिशन बहुत जल्द लॉन्च किया जाएगा। बुधवार को इसे मंजूरी दे दी गई है। नेशनल क्वांटम मिशन (National Quantum Mission)  स्कीम साइंस और टेक्नोलॉजी मंत्रालय के तहत DST द्वारा लागू की जाएगी। मिशन का फोकस फंडामेंटल साइंस और टेक्नोलॉजी डेवलेपमेंट पर रहेगा।

क्वांटम साइंस और टेक्नोलॉजी का विस्तार एयरो-स्पेस इंजीनियरिंग, न्यूमेरिकल वेदर प्रेडिक्शन (Numerical Weather Prediction), सिमुलेशन, संचार और वित्तीय लेनदेन, साइबर सुरक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा इत्यादि क्षेत्र को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।
क्वांटम टेक्नोलॉजी में रिसर्च और डवलपमेंट को बढ़ावा देने पर जोर होगा। इसमें टाटा कंसल्टेंसी, HCL, Mphasis जैसी कंपनियों की दिलचस्पी है।

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यह मिशन विस्तार लेती क्वांटम कंप्यूटर की दुनिया में यह मिशन भारत की क्षमताओं का भी विस्तार करेगा। क्वांटम फ्रंटियर्स में स्पेशियलिटी प्रॉडक्शन पर ध्यान देगा जो राष्ट्रीय सुरक्षा और क्वांटम कंप्यूटर, संचार, रसायन विज्ञान, नई सामग्री, सेंसर के साथ-साथ क्वांटम क्रिप्टोग्राफी के विकास के लिए आवश्यक होगा।

वर्तमान में दुनिया के कुछ ही देशों में इसका उपयोग हो रहा है। बता दें कि भारत को अग्रणी देश बनाने के लिए NQM शुरू करने का फ़ैसला हुआ है। कैबिनेट के फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और अनुराग ठाकुर ने मीडिया को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके लिए चार अलग-अलग हब बनाए जाएंगे। इनका संचालन विज्ञान एवं तकनीक विभाग के मिशन डायरेक्टर करेंगे। मिशन को दिशा-निर्देश देने के लिए एक गवर्निंग बॉडी होगी।

हेल्थ सर्विस सिस्टम में  आएगी क्रांति

नेशनल क्वांटम मिशन (National Quantum Mission)   से हेल्थ सर्विस सिस्टम (Health Service System)में भी क्रांति आ सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) ने पिछले महीने दिल्ली में डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन में कहा था कि प्रभावी हेल्थ सर्विस डिस्ट्रीब्यूशन (Health Service Distribution)के लिए डिजिटल स्वास्थ्य समाधान का लाभ उठाने की दिशा में भारत ने ‘क्वांटम लीप’ लिया है।

मंडाविया ने कहा था कि सरकार का मानना है कि डिजिटल उपकरणों में अपार क्षमता है । यह स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने और बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं में क्वांटम तकनीक के इस्तेमाल से सर्विस डिस्ट्रीब्यूशन और ज्यादा उन्नत, सुलभ और सुविधाजनक बनाया जाएगा।

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