भोपाल। एमपी के सीएम ने उन शासकीय सेवकों के खिलाफ एक्शन लिया है जिन्होंने पेयजल व्यवस्था में लापरवाही बरती थी। सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने बीस शासकीय सेवकों के खिलाफ निलंबन और नोटिस जारी करने की कार्रवाई को अंजाम दिया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने समाधान ऑनलाइन में आए विभिन्न प्रकरणों में लापरवाही बरतने वाले 20 अधिकारी-कर्मचारियों के विरूद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही पेयजल प्रदाय में अव्यवस्था के दोषी ठेकेदार को अर्थदंड से दंडित किया गया। समाधान ऑनलाइन में सीएम हेल्पलाइन में दर्ज प्रकरणों में से ऐसे प्रकरणों का समाधान किया गया जिनका लंबे समय से समाधान लंबित था।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। समाधान ऑनलाइन में पेयजल व्यवस्था से संबंधित 3 प्रकरणों में दोषी व्यक्तियों को दंडित करने का निर्देश भी दिए गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिस भी जिले से नागरिकों के लिए पेयजल की व्यवस्था से जुड़ी शिकायतें प्राप्त होंगी वहां संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कदम उठाए जाएंगे।
पानी न पहुंच पाने की शिकायत की थी
पेयजल समस्या से संबंधित एक प्रकरण में सीहोर जिले के भंवर सिंह पटेल ने ग्राम पंचायत बरखेड़ी में पानी न पहुंच पाने की शिकायत की थी। इस प्रकरण में अपर मुख्य सचिव श्री संजय शुक्ला ने बताया कि ठेकेदार फर्म मेसर्स विश्वा पर 37 हजार 469 की शास्ति अधिरोपित की गई है। नल जल योजना के क्रियान्वयन में आ रही तकनीकी दिक्कतों को दूर कर घरेलू नल कनेक्शनों में जलापूर्ति प्रारंभ करवा दी गई है। इसी तरह मऊगंज के शिकायतकर्ता सुनील कुमार साहू की शिकायत पर डेढ़ वर्ष से पाइप लाइन के टूट जाने से जल प्रदाय में आ रही दिक्कत को दूर कर दिया गया है। इस मामले में भी संबंधित ठेकेदार केएनके कंपनी को तत्काल कार्य करवाने के निर्देश दिए गए। इस प्रकरण में परियोजना इकाई में पदस्थ फील्ड इंजीनियर की सेवाएं समाप्त की गई है। शिकायत का निराकरण समय पर न करने के लिए उत्तरदायी मुख्य नगर पालिका अधिकारी मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कार्पोरेशन के उपयंत्री, परियोजना प्रबंधक और सहायक परियोजना प्रबंधक को नोटिस जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी जिलों में नल-जल योजना के क्रियान्वयन में विलंब करने वालों के विरूद्ध सख्त एक्शन लेने के निर्देश दिए।