बई में कोरोना काल में हुए लाइफलाइन कंपनी के कथित घोटाला मामले में ईडी (ED ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में बीजेपी नेता किरीट सोमैया (BJP leader Kirit Somaiya) ने आरोप लगाया था कि आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) के करीबी सूरज चव्हाण (Suraj Chavan) की मदद से कोविड सेंटर के ठेके दिए गए।
मुंबई । मुंबई में कोरोना काल में हुए लाइफलाइन कंपनी के कथित घोटाला मामले में ईडी (ED ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में बीजेपी नेता किरीट सोमैया (BJP leader Kirit Somaiya) ने आरोप लगाया था कि आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) के करीबी सूरज चव्हाण (Suraj Chavan) की मदद से कोविड सेंटर के ठेके दिए गए। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में लगे आरोपों की जांच तेज कर कर दी है और आज मुंबई में 15 जगहों पर छापेमारी कर रही है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को कोविड-19 फील्ड-अस्पताल घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आईएएस अधिकारी संजीव जायसवाल (Sanjeev Jaiswal) और शिवसेना (उद्धव गुट) नेताओं के दो करीबियों के परिसरों की तलाशी ली। जानकारी के मुताबिक, बीएमसी में हुए कथित कोविड-19 (covid-19) सेंटर घोटाले के सिलसिले में ईडी की टीम आज सुबह मुंबई में कुछ बीएमसी अधिकारियों, आपूर्तिकर्ताओं और आईएएस अधिकारियों के ठिकानों पर पहुंची।
इस छापेमारी में शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे के करीबी सहयोगी सूरज चव्हाण और सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) के करीबी दोस्त सुजीत पाटकर (Sujit Patkar) का घर भी शामिल है।
कोविड खर्च पर उठे थे सवाल
हाल ही में कैग ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में बताया था कि बार-बार अनुरोध किए जाने के बावजूद बीएमसी (BMC) ने कोविड-19 महामारी (covid-19 pandemic) को लेकर किये गए खर्च की जानकारी नहीं दी। बीएमसी (BMC) ने महामारी अधिनियम का हवाला देते हुए 3538.78 करोड़ रुपये के खर्च की जांच की अनुमति नहीं दी। इस वजह से कोविड-19 (covid-19)के दौरान किये गए खर्च के हिसाब-किताब की जांच नहीं हो सकी। हालांकि बीजेपी नेताओं का आरोप है कि कोविड के नाम पर भी बड़े घोटाले हुए है।