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Hezbollah Chief Nasrallah Story: बड़ी दिलचस्प है नसरल्लाह की कहानी; जानिए फल बेचने वाले का बेटा कैसे बना हिज्बुल्लाह चीफ

Hezbollah Chief Shaikh Syed Hasan Nasrallah Story: इजरायल ने शनिवार को हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को मार गिराने का दावा किया है। नसरल्लाह के साथ ही इजरायल डिफेंस फोर्स ने हिज्बुल्लाह के दक्षिणी कमांड के चीफ अली कार्की का भी खात्मा कर दिया है। जिसके बाद मध्य पूर्व में हालात तेजी से बदलते नजर आ रहे हैं।  ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को एक विशेष सुरक्षित जगह पर भेजा गया हैं। हालांकि, हिज्बुल्लाह ने अभी तक नसरल्लाह को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है। अगर नसरल्लाह की मौत की पुष्टि होती है तो इजरायल को अब तक आंखें दिखा रहे हिज्बुल्लाह का मनोबल टूट जाएगा।

By Abhimanyu 
Updated Date

Hezbollah Chief Shaikh Syed Hassan Nasrallah Story: इजरायल ने शनिवार को हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को मार गिराने का दावा किया है। नसरल्लाह के साथ ही इजरायल डिफेंस फोर्स ने हिज्बुल्लाह के दक्षिणी कमांड के चीफ अली कार्की का भी खात्मा कर दिया है। जिसके बाद मध्य पूर्व में हालात तेजी से बदलते नजर आ रहे हैं।  ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को एक विशेष सुरक्षित जगह पर भेजा गया हैं। हालांकि, हिज्बुल्लाह ने अभी तक नसरल्लाह को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है। अगर नसरल्लाह की मौत की पुष्टि होती है तो इजरायल को अब तक आंखें दिखा रहे हिज्बुल्लाह का मनोबल टूट जाएगा।

पढ़ें :- हिज्बुल्ला ने बयान जारी कर कहा हसन नसरल्लाह अब उनके बीच नहीं रहे, जिहाद का संकल्प दोहराया

साल 1960 में जन्मे शैख सैयद हसन नसरल्लाह लेबनान ने कट्टरपंथी संगठन हिज्बुल्लाह का दशकों से संगठन का नेतृत्व कर रहा था। इस दौरान नसरल्लाह ने हिज्बुल्लाह को एक सशक्त राजनीतिक और सैन्य ताकत में बदल दिया था। नसरल्लाह का शुरुआती जीवन बेरूत के बोरज हम्मूद इलाके में बीता था और वह एक साधारण परिवार से था। उसके पिता अब्दुल करीम फलों और सब्जियां बेचते थे। नसरल्लाह अपने माता-पिता की नौ संतानों में सबसे बड़ा था। 1975 में लेबनान के गृहयुद्ध के दौरान महज 15 साल नसरल्लाह ‘अमल आंदोलन’ में शामिल हो गया। जो उस समय एक शिया मिलिशिया (लड़ाकों का दल) था। इस दौरान नसरल्लाह इराक के नजफ भी गया, लेकिन जल्द वापस आकर वह फिर से अमल में शामिल हो गया।

इजरायल का दुश्मन कैसे बना? 

इजरायल ने साल 1982 में लेबनान पर हमला किया तो अमल से अलग होकर नसरल्लाह और कुछ अन्य लोगों ने ‘इस्लामिक अमल’ नाम का एक नया संगठन बना लिया। जिसे आज लोग हिज्बुल्लाह के नाम से जानते हैं। साल 1985 में हिज्बुल्लाह ने एक खुले संदेश से अपने अस्तित्व की घोषणा करते हुए सोवियत संघ और अमेरिका को इस्लाम का दुश्मन बताया। साथ ही इस आतंकी संगठन ने इजरायल की विनाश की मांग की। वहीं, इजरायल द्वारा तत्कालीन हिज्बुल्लाह चीफ अब्बास अल-मूसावी की हत्या किए जाने के बाद 1992 में नसरल्लाह ने संगठन की कमान संभाली।

नसरल्लाह के बागडोर संभालने के बाद हिज्बुल्लाह का प्रभाव लगातार बढ़ता रहा। उसने संगठन को सिर्फ एक मिलिशिया से बढ़ाकर एक राजनीतिक और सैन्य ताकत बनाया। इस दौरान हिज्बुल्लाह ने लेबनान के दक्षिणी हिस्सों से इजरायली सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर करते हुए अपनी पकड़ मजबूत की। जिसके बाद संगठन की छवि इजरायल के बड़े दुश्मन के रूप में उभरी। नसरल्लाह की नेतृत्व क्षमता ने उसे न सिर्फ हिज्बुल्लाह समर्थकों बल्कि पूरी शिया दुनिया में एक प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित किया। वर्तमान समय में लेबनान की राजनीति में हिज्बुल्लाह अहम भूमिका निभाता है।

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