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NEET-UG: लाखों छात्र फैसले का कर रहे इंतजार…नीट पेपर मामले की सुनवाई के दौरान बोले CJI

सुप्रीम कोर्ट में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट मामले को लेकर सुनवाई चल रही है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। पांच मई को हुई परीक्षा में करीब 24 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे।

By शिव मौर्या 
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट मामले को लेकर सुनवाई चल रही है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। पांच मई को हुई परीक्षा में करीब 24 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इसमें राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा स्थानांतरण की मांग करने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं। मुकदमेबाजी की बहुलता से बचने के लिए एनईईटी-यूजी विवाद पर विभिन्न उच्च न्यायालयों में इसके खिलाफ लंबित मामले शीर्ष अदालत में लंबित हैं।

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सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई तो सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, नीट मामले को शुक्रवार को सुना जा सकता है। इस पर सीजेआई चंद्रचूड ने कहा कि, सुनवाई आज ही शुरू करते हैं। नीट मामले में हम सबसे पहले सुनवाई करेंगे। लाखों छात्र फैसले का इंतजार कर रहे हैं।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया है कि सीबीआई ने कथित नीट-यूजी पेपर लीक और कदाचार की चल रही जांच के संबंध में दूसरी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, सीबीआई ने इस मामले में कल एक और स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल की है। जिस पर सीजेआई ने कहा, हां हमने दूसरी स्टेट्स रिपोर्ट भी पढ़ी है।

याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वकील नरेंद्र हुड्डा ने कहा कि हमें सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट नहीं दी गई है। इस पर अदालत ने कहा, ‘हालांकि हम पारदर्शिता की वकालत करते हैं। मगर सीबीआई जांच चल रही है। अगर सीबीआई ने हमें जो बताया है उसका खुलासा होता है, तो यह जांच को प्रभावित करेगा।’

सीजेआई ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप हमें संतुष्ट करिए कि पेपर लीक बड़े पैमाने पर हुआ और परीक्षा रद्द होनी चाहिए। दूसरी इस मामले में जांच की दिशा क्या होना चाहिए वो भी हमें बताएं। उसके बाद हम सॉलिसिटर जनरल को सुनेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से यह भी कहा कि अगर आप हमारे सामने यह साबित कर देते हैं कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई तभी दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया जा सकता है।

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