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PM मोदी हम लोगों की बात लगातार टालते रहे आखिरी विकल्प के रूप में अविश्वास प्रस्ताव लाए: अधीर रंजन चौधरी

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, जब तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा खत्म न हो, तब तक किसी अन्य विषय पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। यह हमारे सदन की परंपरा है। लेकिन मोदी सरकार ने सभी परंपरागत तौर-तरीकों की धज्जियां उड़ाते हुए एक के बाद एक बिल पारित कर दिए। इस दौरान विपक्ष को किसी भी विधेयक पर अपनी बात रखने का मौका नहीं मिल पाया।

By शिव मौर्या 
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नई दिल्ली। कांग्रेस की तरफ से शनिवार को प्रेस कॉफ्रेंस किया गया। इसमें अधीर रंजन चौधरी ने मणिपुर हिंसा समेत अन्य मुद्दों को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सदन शुरू होने से पहले ही पीएम मोदी से मणिपुर पर बोलने की मांग कर रहे थे लेकिन वो हमारी बात को लगातार टालते रहे। लिहाजा, हम लोगों को अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा। जिस कारण PM ने सदन में आकर बात रखी।

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इस दौरा उन्होंने उदाहरण के तौर पर 1978 का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उस समय सदन में अविश्वास प्रस्ताव लगा गया औ उसी दिन इस पर चर्चा शुरू हुई। नतीजा ये निकला कि सदन सुचारू रूप से चला। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम मोदी जब चांद से लेकर चीता तक पर बात करते हैं। ..तो विपक्ष को लगा कि वे मणिपुर पर भी बोलेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, जब तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा खत्म न हो, तब तक किसी अन्य विषय पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। यह हमारे सदन की परंपरा है। लेकिन मोदी सरकार ने सभी परंपरागत तौर-तरीकों की धज्जियां उड़ाते हुए एक के बाद एक बिल पारित कर दिए। इस दौरान विपक्ष को किसी भी विधेयक पर अपनी बात रखने का मौका नहीं मिल पाया।

देश के गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में कहा कि मणिपुर में मैंने बफर जोन में सुरक्षा बलों को तैनात किया है, यानी सदन में वे खुद स्वीकारते हैं कि मणिपुर के हालात बेहद बिगड़ चुके हैं। ये नहीं कहते कि हमारे मणिपुर से करीब 5000 आधुनिक हथियार लूटे गए, जो हिंदुस्तान में कभी नहीं हुआ। तीन महीने से ज्यादा हो गए लेकिन मणिपुर में हालात नहीं सुधर रहे हैं।

 

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