केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किए। इस दौरान उन्होंने कहा, अब समय आ गया है कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या पर एक मजबूत रणनीति के साथ अंतिम प्रहार किया जाए। विगत 4 दशकों में वामपंथी उग्रवाद के कारण करीब-करीब 17 हजार लोगों की जान गई हैं।
रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किए। इस दौरान उन्होंने कहा, अब समय आ गया है कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या पर एक मजबूत रणनीति के साथ अंतिम प्रहार किया जाए। विगत 4 दशकों में वामपंथी उग्रवाद के कारण करीब-करीब 17 हजार लोगों की जान गई हैं। जब से केंद्र में नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी, इस समस्या को चैलेंज के रूप में स्वीकार किया गया।
उन्होंने कहा कि, इस क्षेत्र में विकास का जो अभाव दिखाई पड़ता था, व्यक्ति विकास, गांव का विकास और क्षेत्र का विकास…ये तीनों में विकास के क्षेत्र में पूरे देश के अनुरुप एक स्तर पर लाना हमारा प्रयास रहा और इन क्षेत्र में बहुत अच्छा विकास हुआ है। 2022 में ऐसा समय आया कि चार दशक में पहली बार मृत्य की संख्या 100 से कम हो गई। 2014-2024 तक सबसे कम वामपंथी उग्रवाद द्वारा की गई घटनाएं दर्ज की गई। वामपंथी उग्रवाद की जगह, इस विचारधारा की जगह… विकास का विश्वास लोगों में जेनेरेट करने की हमने सफलता प्राप्त की है।
साथ ही कहा, 2004-2014 तक 16,463 घटनाएं हुई थी, जबकि 2014-2024 तक 7,744 घटनाएं दर्ज की गई। इस तरह 53 प्रतिशत की कमी आई है। इसी तरह सुरक्षा बलों की मृत्यु में 73 प्रतिशत की कमी आई है और नागरिकों की मृत्यु में 69 प्रतिशत की कमी आई है। मुझे विश्वास है कि हमारी लड़ाई अब अंतिम चरण में पहुंच गई है और हम देश को मार्च 2026 तक पूर्णत: नक्सल समस्या से मुक्त कर पाएंगे।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, इस क्षेत्र में पहली बार बैंक, एटीएम, पोस्ट ऑफिस… ये सारी चीजें पहुंचना शुरू हुआ है। कौशल विकास के लिए 48 आईटीआई खोलने का लक्ष्य रखा था, उसमें से 46 खोल दिए गए हैं। शिक्षा के लिए भी बहुत सारे कार्य हुए हैं। पिछले 4 वर्ष में 165 एकलव्य विद्यालय खुले, जबकि 40 वर्षों में सिर्फ 38 खुले थे।