इजरायल-ईरान युद्ध के बीच भारत एक बार फिर पड़ोसी धर्म निभाने को तैयार है। पड़ोसी देशों ने अपने नागरिकों युद्धग्रस्त ईरान से सुरक्षित निकालने के लिए भारत से मदद मांगी है।
Operation Sindhu : इजरायल-ईरान युद्ध के बीच भारत एक बार फिर पड़ोसी धर्म निभाने को तैयार है। पड़ोसी देशों ने अपने नागरिकों युद्धग्रस्त ईरान से सुरक्षित निकालने के लिए भारत से मदद मांगी है। भारत ने शनिवार को घोषणा की कि वह ईरान में अपने निकासी प्रयासों का विस्तार करते हुए नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को भी इसमें शामिल करेगा। ऐसा दोनों पड़ोसी देशों के औपचारिक अनुरोध के बाद किया गया है।
यह कदम मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच उठाया गया है, जो इजरायल के ऑपरेशन राइजिंग लायन के कारण उत्पन्न हुआ है, जिसका उद्देश्य ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं पर अंकुश लगाना है, जिसके जवाब में तेहरान ने भी जवाबी कार्रवाई की है।
तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “नेपाल और श्रीलंका की सरकारों के अनुरोध के जवाब में, ईरान में भारतीय दूतावास के निकासी प्रयासों में नेपाल और श्रीलंका के नागरिक भी शामिल होंगे।” दूतावास ने नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों के लिए आपातकालीन संपर्क नंबर भी प्रदान किया।
दरअसल, भारत ने ईरान से अपने लोगों को निकालने के लिए ऑपरेशन सिंधु शुरू किया है। भारत का ऑपरेशन सिंधु युद्धग्रस्त ईरान और इजरायल से से अपने नागरिकों को निकालने का एक महत्वपूर्ण मिशन है। यह मिशन तब शुरू किया गया, जब ईरान और इजरायल में जंग छिड़ गई।
ईरान से लगातार भारतीय स्टूडेंट्स को विमान से भारत लाया जा रहा है। आज सुबह भी ईरान के मशहद से एक विशेष उड़ान से 290 स्टूडेंट्स भारत लौटे। इनमें ज्यादातर जम्मू और कश्मीर के छात्र थे। अभी तक 500 से अधिक स्टूडेंट्स भारत लौट चुके हैं। उनकी वापसी ने छात्रों और उनके चिंतित परिवारों को बड़ी राहत दी।