Politics heated up on India-Pakistan ceasefire: भारत-पाकिस्तान सीजफायर को लेकर देश की राजनीति गरमाने लगी है। कई विपक्षी दलों ने दोनों देशों के मामले में अमेरिका के हस्तक्षेप पर कड़ी आपत्ति जतायी है। इस बीच देश कांग्रेस और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सर्वदलीय बैठक व संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। साथ ही सिब्बल ने विपक्षी दलों से अपील की है कि अगर पीएम मोदी बैठक में शामिल नहीं होते तो वह भी बैठक में न जाएं।
Politics heated up on India-Pakistan ceasefire: भारत-पाकिस्तान सीजफायर को लेकर देश की राजनीति गरमाने लगी है। कई विपक्षी दलों ने दोनों देशों के मामले में अमेरिका के हस्तक्षेप पर कड़ी आपत्ति जतायी है। इस बीच देश कांग्रेस और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सर्वदलीय बैठक व संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। साथ ही सिब्बल ने विपक्षी दलों से अपील की है कि अगर पीएम मोदी बैठक में शामिल नहीं होते तो वह भी बैठक में न जाएं।
कांग्रेस महासचिव और सांसद जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट में लिखा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एक बार फिर यह मांग करती है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और पहलगाम, ऑपरेशन सिंदूर, तथा पहले वॉशिंगटन डीसी और उसके बाद भारत और पाकिस्तान की सरकारों द्वारा घोषित किए गए संघर्षविराम के विषय पर संसद का विशेष सत्र आयोजित किया जाए, ताकि इन सभी मुद्दों पर व्यापक चर्चा हो सके।”
कांग्रेस के दिग्गज नेता आगे लिखा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद के लिए “तटस्थ मंच” का उल्लेख अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा किया जाना कई सवाल खड़े करता है – क्या हमने शिमला समझौते को छोड़ दिया है? क्या हमने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए दरवाजे खोल दिए हैं? भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह पूछना चाहती है कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक चैनल दोबारा खोले जा रहे हैं? हमने पाकिस्तान से कौन से प्रतिबद्धताएं मांगे हैं और हमें क्या मिला है?”
जयराम रमेश ने लिखा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस देश के दो पूर्व सेनाध्यक्षों द्वारा इस पूरी स्थिति को लेकर कल शाम को किए टिप्पणियों की ओर ध्यान दिलाना चाहती है। इन टिप्पणियों के मद्देनज़र प्रधानमंत्री को स्वयं जवाब देना चाहिए। अंत में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मानती है कि इस समय देश का इंदिरा गांधी जी की असाधारण साहसिक और दृढ़ नेतृत्व क्षमता को याद करना स्वाभाविक है, जैसा कि उन्होंने 1971 में प्रदर्शित किया था।”
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एक बार फिर यह मांग करती है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और पहलगाम, ऑपरेशन सिंदूर, तथा पहले वॉशिंगटन डीसी और उसके बाद भारत और पाकिस्तान की सरकारों द्वारा घोषित किए गए संघर्षविराम के विषय पर संसद का विशेष सत्र आयोजित किया जाए,…
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— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 11, 2025
दूसरी तरफ, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से भारत-पाकिस्तान सीजफायर की घोषणा को लेकर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने प्रतिक्रिया दी। समाचार एजेंसी से सिब्बल ने कहा, “इस ट्वीट पर भी कई सवाल उठेंगे… तो क्या हुआ (भारत-पाकिस्तान समझौते के बारे में), कैसे और क्यों, इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं दी गई है… इसलिए हम आज कोई आलोचना नहीं करेंगे। हम केवल यह चाहते हैं कि संसद का विशेष सत्र हो और सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। मैं सभी राजनीतिक दलों से अपील करना चाहता हूं कि जब तक सरकार उन्हें यह आश्वासन नहीं देती कि प्रधानमंत्री भी बैठक में मौजूद रहेंगे, तब तक वे बैठक में शामिल न हों… मुझे पूरा भरोसा है कि अगर आज डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री होते, तो वे सर्वदलीय बैठक में मौजूद होते और विशेष सत्र भी बुलाया जाता।”