पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद पूरे देश में आतंक की जननी पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश का माहौल है। आतंकियों ने पर्यटकों का धर्म जानने के बाद उनकी हत्या की। सेना और अन्य सुरक्षाबल इन आतंकियों को मार गिराने के लिए दिन रात एक कर रहे हैं।
नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद पूरे देश में आतंक की जननी पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश का माहौल है। आतंकियों ने पर्यटकों का धर्म जानने के बाद उनकी हत्या की। सेना और अन्य सुरक्षाबल इन आतंकियों को मार गिराने के लिए दिन रात एक कर रहे हैं।
इसी बीच ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन (All India Imam Organization) की तरफ से एक ऐसा फतवा जारी किया गया है, जिसे शहबाज शरीफ का आंख खोलकर पढ़ लेना चाहिए और कान खोलकर सुन भी लेना चाहिए। भारतीय मौलानाओं ने यह साफ-साफ कह दिया गया है कि देश का कोई इमाम और काजी किसी आतंकवादी के जनाजे की नमाज नहीं पढ़ेगा।
लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) की जिम्मेदारी ली है। ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन (AIIO) के प्रमुख डॉ. इमाम उमेर अहमद इलियासी (Chief Dr. Imam Umer Ahmed Ilyasi) ने आतंकवाद के खिलाफ एक सख्त फतवा जारी कर समाज में एक मजबूत संदेश देने की कोशिश की है। हमले की कड़ी निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। यह एक कायराना हमला है जो पूरी तरह से अमानवीय है। खासकर इसलिए क्योंकि आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों की हत्या की।
काजी-इमाम नहीं पढ़ेगा जनाजे की नमाज
इलियासी ने घोषणा की कि देश की साढ़े पांच लाख मस्जिदों में शुक्रवार की नमाज के दौरान हमले के पीड़ितों के लिए दुआ की जाएगी और आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया जाएगा। उन्होंने एक कड़ा फतवा जारी करते हुए कहा कि यदि कोई आतंकी देश में मारा जाता है, तो उसके जनाजे की नमाज कोई इमाम या काजी नहीं पढ़ाएगा। ऐसे आतंकियों को भारत की जमीन पर कब्र में भी जगह नहीं दी जाएगी।
कश्मीर के अमन-चैन पर अटैक
डॉ. इलियासी ने यह भी कहा कि यह हमला कश्मीर की प्रगति को बाधित करने की साजिश है! आर्टिकल 370 हटने के बाद कश्मीर में पर्यटन बढ़ा था और प्रदेश आर्थिक विकास की दिशा में प्रगति करने लगा। उधर, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी (Jamiat Ulema-e-Hind President Maulana Arshad Madani) ने इसे “कायराना हरकत” बताया, जबकि मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली (Maulana Khalid Rashid Farangi Mahali) और मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी (Maulana Shahabuddin Rizvi) ने कहा कि इस तरह के कृत्य इस्लाम को बदनाम करते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी हमले को देश की अखंडता पर प्रहार बताया और सभी राजनीतिक दलों से एकजुट होकर इसका विरोध करने की अपील की।
फतवा पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश
ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन (All India Imam Organization) का फतवा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी गहरे प्रभाव डाल सकता है। यह फतवा आतंकवाद को सामुदायिक समर्थन से वंचित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। आतंकियों के जनाजे की नमाज पर रोक और उन्हें कब्र में जगह न देने का फैसला यह स्पष्ट करता है कि आतंकवाद को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह कश्मीर के आम लोगों के उस भाव को भी मजबूत करता है, जो क्षेत्र में शांति और सद्भाव चाहते हैं।