लव कुश रामलीला समिति (Luv Kush Ramlila Committee) ने अभिनेत्री पूनम पांडेय (Poonam Pandey) को मंदोदरी (Mandodari) की भूमिका में लेने का फैसला वापस ले लिया है। समिति के महासचिव सुभाष गोयल (Committee General Secretary Subhash Goyal) ने कहा कि उनका मकसद केवल समाज को सकारात्मक संदेश देना है और किसी विवाद में पड़ना नहीं।
नई दिल्ली। लव कुश रामलीला समिति (Luv Kush Ramlila Committee) ने अभिनेत्री पूनम पांडेय (Poonam Pandey) को मंदोदरी (Mandodari) की भूमिका में लेने का फैसला वापस ले लिया है। समिति के महासचिव सुभाष गोयल (Committee General Secretary Subhash Goyal) ने कहा कि उनका मकसद केवल समाज को सकारात्मक संदेश देना है और किसी विवाद में पड़ना नहीं।
कई कलाकारों ने दिखाई रुचि
उन्होंने कहा कि हम अच्छा काम करते हैं ताकि समाज को सकारात्मक संदेश मिले। अगर समाज इसे स्वीकार नहीं करना चाहता, तो हम ऐसा नहीं करेंगे। एक-दो दिन में हम मंदोदरी की भूमिका निभाने वाले कलाकार का नाम तय करेंगे। कई कलाकारों ने इसमें रुचि दिखाई है, उन्हीं में से किसी को चुना जाएगा।
जल्द नए कलाकार की घोषणा
गोयल ने स्पष्ट किया कि समिति समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए निर्णय ले रही है और जल्द ही नए कलाकार का नाम घोषित किया जाएगा।
पूनम पांडे को लेकर हुआ था विरोध
पूनम पांडेय (Poonam Pandey) के नाम को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) से लेकर कंप्यूटर बाबा तक ने कड़ा विरोध जताया था। कंप्यूटर बाबा ने तो इतना कह दिया था कि पूनम पांडेय को तो मंदोदरी नहीं, सूर्पनखा का रोल देना चाहिए। कंप्यूटर बाबा ने कहा कि रामलीला के अध्यक्ष को इतनी बुद्धि नहीं आई कि आपको किसको क्या पात्र देना चाहिए? मैं ये अनुरोध करूंगा कि जो जैसा है उसको वैसा ही पात्र बनाया जाए।
वहीं, विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने पूनम पांडेय (Poonam Pandey) को रामलीला में लिए जाने के विरोध में एक चिट्ठी लिखकर आग्रह किया था कि उन्हें इस भूमिका से हटा दिया जाना चाहिए। पत्र में लिखा गया था कि रामलीला केवल एक नाट्य-प्रस्तुति नहीं, बल्कि भारतीय समाज और संस्कारों का एक जीवंत हिस्सा है।