देश की राजधानी दिल्ली के पहाड़गंज में एक बड़े सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने तीन नाबालिगों और 10 नेपाली नागरिकों सहित 23 महिलाओं को रेस्क्यू किया है। वहीं 7 दलालों को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इस दौरान 7 मोबाइल फोन, 2 स्कूटी भी बरामद किया है।
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के पहाड़गंज में एक बड़े सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने तीन नाबालिगों और 10 नेपाली नागरिकों सहित 23 महिलाओं को रेस्क्यू किया है। वहीं 7 दलालों को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इस दौरान 7 मोबाइल फोन, 2 स्कूटी भी बरामद किया है। पुलिस अधिकारियों को पहाड़गंज के कुछ होटलों में अनैतिक तस्करी और वेश्यावृत्ति की गतिविधियों के बारे में जानकारी मिली थी। आरोप है कि पश्चिम बंगाल, नेपाल और दिल्ली के अन्य स्थानों से लड़कियों को लाकर आरोपी उन्हें 1180 मेन बाजार, पहाड़गंज के एक मकान में रखते थे और बाद में उन्हें वेश्यावृत्ति के लिए विभिन्न होटलों में भेजते थे।
दिल्ली पुलिस ने पहाड़गंज इलाके के 3 होटलों पर छापा मारकर सेक्स रैकेट पकड़ा। उज्बेकिस्तान की महिला सहित कुल 23 लड़कियां छुड़ाई गईं। फूड डिलीवरी की तर्ज पर इन्हें ऑन डिमांड होटलों तक पहुंचाया जाता था। इनसे जबरन ये काम कराने वाले 7 लोग गिरफ्तार हैं। pic.twitter.com/ZmwZU8VJBm
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) March 23, 2025
NGO मनोबल की फाउंडर निर्मला बी वाल्टर ने बताया कि हमने इसकी जानकारी जिला उपायुक्त हर्षवर्धन को दी। उपायुक्त ने बिना वक्त गंवाए आधी रात को महिला चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर किरण सेठी के साथ पुलिस टीम तैयार कर NGO की निशानदेही पर छापा मारा। आधी रात अचानक हुई इस पुलिस कार्रवाई में किसी को भगाने का मौका नहीं दिया। पुलिस ने इस नेटवर्क से जुड़े कई दलालों को हिरासत में लिया है। पुलिस जांच में पता चला कि इस रैकेट को निजाम और रेहान नाम के दो लोग चला रहे थे। ये दोनों अभी फरार हैं, लेकिन पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। मकान का एग्रीमेंट भी इन्हीं दोनों के नाम पर बना हुआ था।
WhatsApp पर फोटो दिखकर होता था रेट फिक्स
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पहाड़गंज एरिया में इस तरह के सक्रिय गैंग के बारे में जानकारी मिली थी। जांच में पता चला कि ऑनलाइन सेक्स रैकेट सर्च करने पर कुछ मोबाइल नंबर सामने आते हैं। इन नंबरों पर संपर्क करने पर कुछ युवतियों की फोटो भेजी जाती है। बाद में पैसे भी तय किए जाते हैं। लड़की पसंद आने के बाद उसे रैपिडो बाइक बुक कर ग्राहक के पास भेजते थे। फिलहाल पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मामले पर कुछ भी खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं हैं।
10 मिनट के लिए भी होती थी लड़कियों की बुकिंग, 700 से लेकर 10 हजार तक दाम
रैकेट में दलालों ने एक सुनियोजित सिस्टम बना रखा था, जहां लड़कियों को 5 से 10 मिनट के लिए भी भेजा जाता था। इसके एवज में ग्राहक से 700 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक की रकम ली जाती थी। होटल्स और मकानों के बाहर कई डिलीवरी बॉय अपनी स्कूटी और बाइक के साथ तैयार रहते थे। ग्राहक के ऑर्डर करने पर वे लड़की को 10 मिनट में होटल पहुंचाते और फिर वापस बेस पर ले जाते थे।
इस छापेमारी में एक नाबालिग लड़का भी बरामद हुआ, जिसे बाजार से सामान लाने के लिए रखा गया था। NGO ‘मनोबल’ की संस्थापक निर्मला बी. वाल्टर ने बताया, “लड़कियों को इस काम के लिए मानसिक रूप से तैयार किया जाता था। उन्हें जबरदस्ती ही नहीं, बल्कि उनकी आर्थिक मजबूरियों और भावनात्मक कमजोरी का फायदा उठाकर इस धंधे में झोंका जाता था।”
इन होटलों को कॉलगर्ल्स के लिए बनाया था बेस हाउस
पुलिस ने चूना मंडी स्थित होटल ‘Yes Please’, ‘God Inn’ और एक दो मंजिला इमारत पर छापा मारा। वहीं गिरफ्तार आरोपियों की पहचान नुरशेद आलम (बिहार), मोहम्मद राहुल आलम (दिल्ली), अब्दुल मन्नान (पश्चिम बंगाल), तौशीफ रेक्सा (बिहार, शमीम आलम (बिहार), मोहम्मद जारुल (बिहार), मोनिश (दिल्ली) के रूप में हुई।