चंडीगढ़ के IPS अधिकारी पूरन कुमार के सुसाइड मामले (Puran Kumar Suicide Case) में परिवार लगातार डीजीपी शत्रुजीत कपूर (DGP Shatrujeet Kapoor) को निलंबित करने की मांग अड़ा है, जिसके बाद डीजीपी शत्रुजीत कपूर (DGP Shatrujeet Kapoor) को लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया है।
नई दिल्ली। चंडीगढ़ के IPS अधिकारी पूरन कुमार के सुसाइड मामले (Puran Kumar Suicide Case) में परिवार लगातार डीजीपी शत्रुजीत कपूर (DGP Shatrujeet Kapoor) को निलंबित करने की मांग अड़ा है, जिसके बाद डीजीपी शत्रुजीत कपूर (DGP Shatrujeet Kapoor) को लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया है। हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने आदेश जारी कर जानकारी दी कि हरियाणा के सीनियर IPS अधिकारी ओपी सिंह को कार्यवाहक डीजीपी (OP Singh New Acting DGP) नियुक्त किया गया है।
दरअसल, IPS अधिकारी पूरन कुमार ने सुसाइड करने से पहले एक नोट लिखा था। इस नोट में उन्होंने डीजीपी शत्रुजीत कपूर समेत आठ लोगों पर उन्हें परेशान करने, छवि खराब करने और उनके साथ जातिगत भेदभाव करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद परिवार लगातार इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहा है।
सुशांत सिंह राजपूत से था करीबी रिश्ता
हरियाणा के नियुक्त हुए नए कार्यवाहक डीजीपी ओपी सिंह का एक्टर सुशांत सिंह राजपूत से बहुत ही करीबी रिश्ता था। आईपीएस अधिकारी ओपी सिंह सुशांत सिंह राजपूत के जीजा हैं। फिलहाल सिंह हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर पद पर कार्यरत हैं। वह हरियाणा कैडर के 1992 बैच के सीनियर आईपीएस अधिकारी हैं।
पूरन कुमार मामले में कार्रवाई तेज
चंडीगढ़ पुलिस (Chandigarh Police) पूरन कुमार मामले को लेकर लगातार कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने पूरन कुमार की पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत पूरन को नोटिस भेजकर उनके मृतक पति के लैपटॉप की मांग की है। इस लैपटॉप में पूरन कुमार का सुसाइड नोट ड्राफ्ट में सेव था. इसलिए पुलिस इस लैपटॉप को CFSL लैब में भेजकर सुसाइड नोट की प्रमाणिकता की जांच करना चाहती है और यह जानना चाहती है कि पूरन कुमार ने सुसाइड से पहले कितने लोगों को और किस समय सुसाइड नोट मेल किया था।
दरअसल, आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार की हत्या के 7 दिन बाद भी परिवार वाले उनका पोस्टमार्टम नहीं करवा रहे है। परिवार की मांग है कि डीजीपी शत्रुजीत कपूर को उनके पद से हटाया जाए. इसके लिए उन्होंने 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। परिवार वालों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता, वे न तो शव का पोस्टमार्टम करवाएंगे और न हीं उसका अंतिम संस्कार करेंगे।