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Raghuraj Pratap Singh jeevan parichay : कुंवर रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भैया’ का वर्ष 1993 से चला विजय अभियान है जारी

Raghuraj Pratap Singh jeevan parichay :  कुंवर रघुराज प्रताप सिंह 'राजा भैया' (Kunwar Raghuraj Pratap Singh 'Raja Bhaiya' ) का साल 1993 से लेकर अब तक यूपी के प्रतापगढ़ जिले (Pratapgarh District) के कुंडा विधान सभा क्षेत्र (Kunda Assembly Constituency) से अब तक लगातार निर्दलीय विधायक निर्वाचित हो रहे हैं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

Raghuraj Pratap Singh jeevan parichay :  कुंवर रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भैया’ (Kunwar Raghuraj Pratap Singh ‘Raja Bhaiya’ ) का साल 1993 से लेकर अब तक यूपी के प्रतापगढ़ जिले (Pratapgarh District) के कुंडा विधान सभा क्षेत्र (Kunda Assembly Constituency) से अब तक लगातार निर्दलीय विधायक निर्वाचित हो रहे हैं। रघुराज प्रताप सिंह कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, मुलायम सिंह यादव व अखिलेश मंत्रिमंडल का हिस्सा रह चुके है। बसपा शासन काल में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती व्यक्तिगत रंजिश के तहत उन्हें प्रताड़ित करने के लिए जेल भेज दिया था। इसके बाद भी राजा भैया ने हार नहीं मानी और लगातार संघर्ष करते रहे। इसके बाद हुए चुनाव में सपा सरकार (SP government) में कैबिनेट मंत्री भी बने।

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शाही परिवार की परंपरा तोड़ राजा भैया राजनीतिक मैदान में कूदे

रघुराज का जन्म 31 अक्टूबर 1967 को प्रतापगढ़ के राजपूत भदरी रियासत (Bhadri State) में पिता उदय प्रताप सिंह (Father Uday Pratap Singh) और माता मंजुल राजे के यहां हुआ। इनके दादा राजा बजरंग बहादुर सिंह (Dada Raja Bajrang Bahadur Singh) , स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल (Governor of Himachal Pradesh) रह चुके थे। रघुराज के पिता राजा उदय प्रताप सिंह विश्व हिंदू परिषद व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मानद पादाधिकारी रह चुके हैं। इनकी माता मंजुल राजे भी एक शाही परिवार की है। राजा भैया अपने परिवार के पहले ऐसे सदस्य थे, जिन्होंने पहली बार राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया।

रघुराज प्रताप की प्राथमिक शिक्षा नारायणी आश्रम, इलाहाबाद के महाप्रभु बाल विद्यालय में हुआ। सन 1985 में भारत स्काउट एंड गाइड हाई स्कूल से 10वीं तथा सन 1987 में इलाहाबाद के एक इंटरमीडिएट स्कूल से 12वीं की पढ़ाई की। लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) से इन्होंने कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की। घुड़सवारी और निशानेबाजी के शौकीन राजा भैया लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) से मिलिट्री साइंस और भारतीय मध्यकालीन इतिहास में स्नातक हैं। राजा भैया के बारे में कहा जाता है कि वे साइकिल चलाने से लेकर हवाई जहाज उड़ाने तक का कारनामा करते हैं। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया का विवाह बस्ती रियासत की राजकुमारी भानवी कुमारी सिंह से हुआ। इनके दो पुत्र शिवराज व ब्रृजराज, दो पुत्रियां राधवी और ब्रृजेश्वरी हैं।

नाम- कुंवर रघुराज प्रताप सिंह
निर्वाचन क्षेत्र – 246, कुण्डा
जिला – प्रतापगढ़,
दल – निर्दलीय
पिता का नाम- राजा उदय प्रताप सिंह
जन्‍म तिथि- 31 अक्टूबर,1969
जन्‍म स्थान- कोलकाता
धर्म –हिन्दू
जाति –क्षत्रिय
शिक्षा- स्नातक
विवाह तिथि –15 फरवरी, 1995
पत्‍नी का नाम- भानवी कुमारी सिंह
सन्तान- दो पुत्र, दो पुत्रियां
व्‍यवसाय- कृषि
मुख्यावास ग्राम- बेंती, तहसील-कुण्डा, जनपद-प्रतापगढ़

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राजनैतिक करियर

रघुराज प्रताप सिंह कुंडा की सीट से 1993 में निर्दलीय चुनाव लड़ा और विजयी होकर विधायक बने। तब वह सिर्फ 26 वर्ष के थे। सन 1999 में लोकसभा चुनाव में इन्होंने राजकुमारी रत्ना सिंह के खिलाफ (जो कि इसी परिवार से ही सम्बंधित हैं), अपने चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह (Akshay Pratap Singh) को उतार दिया। राजा भैया कद्दावर राजनेता छवि के प्रभाव से उनके भाई भी उस चुनाव में जीत गए थे।

राजा भैया ने 1993 में हुए विधानसभा चुनाव से कुंडा की राजनीति में कदम रखा था। तब से वह लगातार अजेय बने हुए हैं। उनसे पहले कुंडा सीट पर कांग्रेस के नियाज हसन का डंका बजता था। हसन 1962 से लेकर 1989 तक कुंडा से पांच बार विधायक चुने गए।

राजा भैया 1993 और 1996 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी समर्थित, तो 2002 और 2007, 2012 के चुनाव में एसपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधायक चुने गए। राजा भैया, बीजेपी की कल्याण सिंह सरकार और एसपी की मुलायम सिंह सरकार (Mulayam Singh Government) में भी मंत्री बने। वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट में खाद्य एवं रसद मंत्री है।

राजा भैया को सन 1997 में भारतीय जनता पार्टी के कल्याण सिंह के मंत्रीमंडल में कबानी मंत्री, वर्ष 1999 व 2000 में राम प्रकाश गुप्ता (Ram Prakash Gupta) और राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के कैबिनेट में खेल कूद एंव युवा कल्याण मंत्री बनाया गया। साल 2004 में समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव की सरकार में रघुराज प्रताप खाद्य एवं रसद विभाग के मंत्री बने।

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15 मार्च, 2012 को राजा भैया पुनः उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट में कारागार एवं खाद्य एवं रसद मंत्री बने, लेकिन 2 मार्च 2013 को कुंडा में तीहरे हत्याकांड मामले में डी. एस. पी. जिया उल हक के हत्या मामले राजा भैया का नाम आने पर इन्होने 4 मार्च, 2013 को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि बाद में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) के प्रारंभिक जांच में ही राजा भैया निर्दोष पाए गए और क्लोजर रिपोर्ट में इन्हें क्लीन चिट मिल गई। सीबीआई की अंतरिम रिपोर्ट में राजा भैया को पूरी तरह क्लीन चिट मिल गयी। 11 अक्टूबर को उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने सम्मान सहित पुनः कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया। कुंवर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया हर साल 101 गरीब बहन बेटियों की शादी करवाते हैं।

राजनीतिक योगदान

1993, नवम्बर 12वीं विधान सभा के सदस्य पहली बार निर्वाचित
1996, सितम्बर- अक्टूबर 13वीं विधान सभा के सदस्य दूसरी बार निर्वाचित
1997, अक्टूबर-1999, नवम्बर मंत्री, कार्यक्रम कार्यान्वयन ( कल्याण सिंह मंत्रिमण्डल)
1999, नवम्बर- 2000, अक्टूबर मंत्री, खेलकूद, युवा कल्याण, प्रांतीय विकास दल ( राम प्रकाश मंत्रिमण्डल)
2000, अक्टूबर-2002 मार्च मंत्री, खेलकूद, युवा कल्याण, प्रांतीय विकास दल ( राजनाथ सिंह मंत्रिमण्डल)
2002, मई 14वीं विधान सभा के सदस्य तीसरी बार पुनर्मतदान में निर्वाचित
2004, जुलाई- 2007 मई मंत्री, खाद्य एव रसद ( मुलायम सिंह यादव मंत्रिमण्डल)
2007-2012 15वीं विधान सभा के सदस्य चौथी बार निर्वाचित
2012-2017 16वीं विधान सभा के सदस्य पांचवीं बार निर्वाचित
2012, मार्च मंत्री, खाद्य एवं रसद, कारागार ( अखिलेश यादव मंत्रिमण्डल)
मार्च, 2017 17वीं विधान सभा के लिए छठी बार निर्वाचित

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