राहुल गांधी ने कहा, हम संभल जाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस मना कर रही है। नेता विपक्ष होने के नाते मेरा अधिकार बनता है वहां जाने का, लेकिन तब भी जाने नहीं दिया जा रहा। मैं अकेला वहां जाने को तैयार हूं, लेकिन ये बात भी नहीं मानी गई।
गाजियाबाद। कांग्रेस सांसद व नेता विपक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी बुधवार को संभल जाने के लिए निकले थे। उनके काफिले को यूपी बॉर्डर पर रोक दिया गया है। पुलिस उन्हें संभल जाने की इजाजत नहीं दी। इस दौरान कांग्रेस नेताओं से पुलिस की कहासुनी भी हुई। हालांकि, इजाजत नहीं मिलने के बाद कांग्रेस नेता अब दिल्ली वापस लौट रहे हैं।
इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कहा, हम संभल जाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस मना कर रही है। नेता विपक्ष होने के नाते मेरा अधिकार बनता है वहां जाने का, लेकिन तब भी जाने नहीं दिया जा रहा। मैं अकेला वहां जाने को तैयार हूं, लेकिन ये बात भी नहीं मानी गई। हम सिर्फ संभल जाना चाहते हैं। वहां के लोगों से मिलना चाहते हैं। लेकिन…हमारा संवैधानिक अधिकार हमें नहीं दिया जा रहा। यही है नया हिंदुस्तान, जिसमें संविधान को खत्म करने का काम किया जा रहा है।
इस दौरान प्रियंका गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा, राहुल गांधी जी नेता प्रतिपक्ष हैं, उनके संवैधानिक अधिकार बाकी लोगों से अलग होते हैं। उन्हें रोका नहीं जा सकता। राहुल गांधी जी ने कहा कि मैं यूपी की पुलिस के साथ अकेला चला जाऊंगा, लेकिन पुलिस इसके लिए भी तैयार नहीं हुई। पुलिस के पास इन बातों का कोई जवाब नहीं है। यूपी में अगर ऐसे हालात भी संभाले नहीं जा सकते तो BJP इतने गर्व से क्यों कहती है कि हमने लॉ एंड ऑर्डर संभाल रखा है।
हम संभल जाने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस मना कर रही है.
नेता विपक्ष होने के नाते मेरा अधिकार बनता है वहां जाने का, लेकिन तब भी जाने नहीं दिया जा रहा.
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मैं अकेला वहां जाने को तैयार हूं, लेकिन ये बात भी नहीं मानी गई.
हम सिर्फ संभल जाना चाहते हैं. वहां के लोगों से मिलना चाहते हैं.… pic.twitter.com/2eI3ozo2GI
— Congress (@INCIndia) December 4, 2024
इसके साथ ही कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, नेता विपक्ष राहुल गांधी जी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जी, प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे जी, पीसीसी अध्यक्ष अजय राय जी और तमाम कांग्रेस के सांसद और कार्यकर्ता संभल जाना चाहते थे। राहुल जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में शोक संतप्त परिवारों से मिलने पर कोई रोक नहीं है, वो प्रशासन की गाड़ी में अकेले बैठकर जाने को तैयार थे।
उन्होंने आगे कहा, उसके बाद भी UP का पुलिस और प्रशासन उनको रोक रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि-ऐसा कौन सा सच है, जिसको छिपाया जा रहा है, क्योंकि हमने देखा है ऐसे ही सच छिपाने की कोशिश हाथरस, लखीमपुर और उन्नाव में हुई थी। राहुल गांधी जी संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति हैं, वे शोकाकुल परिवारों को ढाढ़स बंधाने के लिए जाना चाहते हैं। DGP से बात होने के बाद भी अगर समाधान नहीं निकल रहा है, तो कहीं न कहीं उत्तर प्रदेश के प्रशासन और पुलिस पर बहुत सारे सवाल खड़े होते हैं, और उनकी भूमिका भी संदिग्ध होती है।