राजस्थान के जालौर में टीचर की पिटाई से हुई दलित बच्चे की मौत की घटना को लेकर गहलोत सरकार चौतरफा घिर गई है। विपक्षी दल इस घटना को लेकर गहलोत सरकार को घेरने में जुटे हुए हैं। इसके साथ ही पार्टी के अंदर से भी आरोपी टीचर पर सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।
Rajasthan News: राजस्थान के जालौर में टीचर की पिटाई से हुई दलित बच्चे की मौत की घटना को लेकर गहलोत सरकार चौतरफा घिर गई है। विपक्षी दल इस घटना को लेकर गहलोत सरकार को घेरने में जुटे हुए हैं। इसके साथ ही पार्टी के अंदर से भी आरोपी टीचर पर सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। इस बीच खबर आ रही है कि, बारां-अटरु विधायक पानाचंद मेघवाल (MLA Panachand Meghwal) ने विधायक पद से दिया इस्तीफा दे दिया है।
मेघवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) को लिखा पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। मीडिया रिपोर्ट की माने तो पानाचंद मेघवाल ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। साथ ही लिखा है कि आजादी के 75 साल बाद भी प्रदेश में दलित और वंचित वर्ग पर लगातार हो रहे अत्याचारों से उनका मन आहत है।
उन्होंने लिखा, मेरा समाज आज जिस प्रकार की यातनाएं झेल रहा है, उसका दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। जालौर की घटना को लेकर विधायक ने कहा कि प्रदेश में दलित और वंचितों को मटकी से पानी पीने के नाम पर ही कहीं घोड़ी चढ़ने और मूंछ रखने पर घोर यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा जा रहा है।
जांच के नाम पर फाइलों को इधर से उधर घुमाकर न्यायिक प्रक्रिया को अटकाया जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों से दलितों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। मेघवाल ने इस्तीफे का ऐलान करते हुए लिखा, जब हम हमारे समाज के अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें न्याय दिलवाने में नाकाम होने लगे तो हमें पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। अतः मैं मेरी अंतरात्मा की आवाज पर विधायक पद से इस्तीपा देता हूं।