समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसको लेकर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि, UPSC में एक IAS की भर्ती का घपला सरेआम सामने आने के बाद, त्यागपत्र देना कोई समाधान नहीं है।
लखनऊ। यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन (UPSC) के अध्यक्ष मनोज सोनी ने अपना कार्यकाल समाप्त होने के पांच साल पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनका कार्यकाल 2029 में खत्म होना था। उन्होंने “व्यक्तिगत कारणों” का हवाला देकर अपना इस्तीफा दिया है। वहीं, अब इसको लेकर सियासत शुरू हो गयी है। विपक्षी दल के नेता भाजपा सरकार को घेरने में जुट गए हैं।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसको लेकर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि, UPSC में एक IAS की भर्ती का घपला सरेआम सामने आने के बाद, त्यागपत्र देना कोई समाधान नहीं है। इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों का उत्तरदायित्व सुनिश्चित हो और दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त-से-सख़्त कार्रवाई की जाए। भाजपा ने ‘STEEL FRAME OF INDIA’ में ज़ंग लगा दी है। शिक्षा व्यवस्था को भ्रष्ट आचार और भ्रष्टाचार के घुन से बचाया जाए।
UPSC में एक IAS की भर्ती का घपला सरेआम सामने आने के बाद, त्यागपत्र देना कोई समाधान नहीं है। इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों का उत्तरदायित्व सुनिश्चित हो और दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त-से-सख़्त कार्रवाई की जाए।
भाजपा ने ‘STEEL FRAME OF INDIA’ में ज़ंग लगा दी है।
शिक्षा व्यवस्था को…
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— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 20, 2024
बता दें कि, इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इसको लेकर सरकार को घेरा था। उन्होंने कहा कि, UPSC की प्रक्रियाओं में गड़बड़ी की खबरें बहुत हैरान करने वाली हैं। इस महत्वपूर्ण चयन प्रक्रिया में हुई एक भी गड़बड़ी बड़े सवाल खड़े करती है और लाखों युवाओं के सपनों और उनके विश्वास पर चोट करती है। जरूरी है कि इन सवालों का जवाब जनता और UPSC की तैयारी करने वाले युवाओं को मिले-क्या इसके लिए UPSC के उच्च पदों पर राजनीतिक नियुक्तियों से आए लोग जिम्मेदार हैं? यदि हां तो उन पर कार्रवाई कब?