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एकेटीयू की नैक ग्रेडिंग हेतु तैयार सेल्फ स्टडी रिपोर्ट की समीक्षा, नैक मूल्यांकन के नियमों का दृढ़ता से करें पालन : राज्यपाल

प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ की नैक ग्रेडिंग हेतु तैयार प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की। नैक मूल्यांकन के सभी सातों क्राइटेरिया पर बिंदुवार समीक्षा करते हुए राज्यपाल जी ने सभी क्राइटेरिया के राइट-अप को सुदृढ़ और प्रभावशाली बनाने हेतु निर्देश दिया।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊः प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ की नैक ग्रेडिंग हेतु तैयार प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की। नैक मूल्यांकन के सभी सातों क्राइटेरिया पर बिंदुवार समीक्षा करते हुए राज्यपाल जी ने सभी क्राइटेरिया के राइट-अप को सुदृढ़ और प्रभावशाली बनाने हेतु निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि राइट-अप बनाते समय नैक मूल्यांकन के नियमों का दृढ़ता से पालन करें और निर्धारित शब्द सीमा का आवश्यक रूप से ध्यान रखें।

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प्रस्तुतिकरण के दौरान राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की नैक कमेटी के सभी सदस्यों को समस्त क्राइटेरिया के प्रस्तुतिकरण और उसके तहत अपेक्षित उल्लेखों को अवलोकित करने, उसमें सुधार हेतु सहयोग देने और समग्रता से विश्वविद्यालय हित में नैक हेतु सेल्फ स्टडी रिपोर्ट को सुदृढ़ बनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अपने कार्य तक सीमित न रहें, विश्वविद्यालय के हित में उत्कृष्ट नैक ग्रेड प्राप्त करने के लिए सभी सदस्य कार्य करने की समय-सीमा बढ़ाएं। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी पाण्डेय को निर्देश दिया कि स्वयं प्रत्येक क्राइटेरिया का प्रस्तुतिकरण देखें और प्राप्त निर्देशों का दृढ़ता से अनुपालन भी कराएं।

प्रस्तुतिकरण के दौरान राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय में शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच मेंटोर-मेंटी सम्बन्धों को सुदृढ़ करने, विद्यार्थियों को नैक की उपयोगिता से अवगत कराने और इससे सम्बन्धित कार्यों में उनकी संलग्नता कराने को कहा। सभी मानकों पर बिंदुवार समीक्षा के दौरान राज्यपाल जी ने रिपोर्ट में लगाए गए फोटो की गुणवत्ता में सुधार करने, प्रत्येक फोटो के साथ कैप्शन में फोटो के विवरण का उल्लेख करने, एक्टिविटी दर्शाने वाले फोटो का चयन करने, हायपर लिंक में प्रमाण स्वरूप चयनित रिकार्ड ही संलग्न रखने, ट्रासजेण्डर की शिक्षा और प्रशिक्षण का उल्लेख और उनके फोटोग्राफ संलग्न करने के महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

इन्फ्रास्ट्रक्चर और लर्निंग रिसोर्स पर चर्चा करते हुए उन्होंने विश्वविद्यालय के सभागारों और कक्षाओं के नाम रखने और उनका विवरण रिपोर्ट में जोड़ने को कहा। उन्होंने विश्वविद्यालय में छात्राओं के लिए पृथक शिकायत सेल की स्थापना पर भी जोर दिया। गवर्नेंस, लीडरशिप एवं मैनेजमेंट पर चर्चा के दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय को आगामी 5 सालों उसके आगे 10 सालों तक स्ट्रेटाजिक प्लानिंग और विजन बनाने को कहा। उन्होंने विश्वविद्यालय के कर्मचारी कल्याण निधि से उनके बच्चों की उच्च शिक्षा, उनके शिक्षा में कमजोर बच्चों के लिए कोचिंग की व्यवस्था में भी सहयोग करने को कहा। उन्होंने कुलपति से विश्वविद्यालय में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के कल्याण हेतु भी व्यवस्था बनाने को कहा।

इसी क्रम में उन्होंने विश्वविद्यालय में हस्तशिल्प, क्राफ्ट आदि से जुड़े आर्टीशियन, कारीगरों के कार्य को सुगम बनाने वाले शोध करने, सिपर स्ट्रा और टूथब्रश की प्लास्टिक को भी रीसाइकिल कर उपयोग करने वाले शोधों को प्रारम्भ कराने, कोरोना काल में विश्वविद्यालय द्वारा की गई गतिविधियों को रिपोर्ट में जोड़ने, विश्वविद्यालय के निकट स्लम एरिया के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने और उनके खेलने हेतु परिसर में स्थान सुनिश्चित करने, आंगनवाड़ी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न करने की किट प्राप्त होने के बाद हुए सुधारों का सर्वे विवरण रिपोर्ट में जोड़ने के निर्देश भी दिए।

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बैठक के दौरान राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की नैक टीम के सभी सदस्यों का उत्साह बढ़ाते हुए उन्हें आंगनवाड़ी केन्द्रों को सुसज्जित करने की उनकी पहल का स्मरण कराते हुए बताया कि सर्वप्रथम वर्ष 2019 में ए.के.टी.यू. ने ही राजभवन में इस गतिविधि को प्रारम्भ करने हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया था और इसके लिए लखनऊ की 130 आंगनवाड़ियों को चयनित किया गया था। उन्होंने सशक्त एसएसआर बनाने के लिए विश्वविद्यालय की टीम को एकजुट प्रयास करने के लिए प्रेरित किया।

बैठक में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय तथा नैक तैयारी के लिए विश्वविद्यालय की गठित टीम के समस्त सदस्यगण तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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