रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग खतरनाक हालात में पहुंचती जा रही है। यूक्रेन के रूस पर ताजा हमले ने पूरी दुनिया में सनसनी मचा दी है। यू्क्रेन ने पहली बार रूस को हिला देने वाला बड़ हमला किया है। रूस के अंदर 4000 किलोमीटर दूर साइबेरिया में मौजूद एयरबेस को तबाह कर दिया है।
Russia Ukraine War : रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग खतरनाक हालात में पहुंचती जा रही है। यूक्रेन के रूस पर ताजा हमले ने पूरी दुनिया में सनसनी मचा दी है। यू्क्रेन ने पहली बार रूस को हिला देने वाला बड़ हमला किया है। रूस के अंदर 4000 किलोमीटर दूर साइबेरिया में मौजूद एयरबेस (air Base) को तबाह कर दिया है। यूक्रेन के ड्रोन्स चीन के सीमा से सटे रूसी एयरबेसों (Russian airbases) पर हमला करने में कैसे सफल हो गए इस पर पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। खबरों के अनुसार, यूक्रेन ने इस हमले की मदद से वहां खड़े रूस के परमाणु बम ले जाने में सक्षम रूसी बमवर्षक विमानों (bombers) को निशना बनाया है।
वैसे तो रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष को शुरू हुए तीन साल से ज्यादा समय हो चुका है।अभी तक रूस ने न सिर्फ यूक्रेन को सैन्य तौर पर नुकसान पहुंचाया है, बल्कि उसकी करीब 20 फीसदी जमीन पर भी कब्जा किया है। इस युद्व में 1 जून की तारीख रूस के लिए सबक बन गई। दरअसल, यूक्रेन ने 1 जून (रविवार) को रूस में ड्रोन हमलों को अंजाम दिया। 100 से ज्यादा ड्रोन्स के जरिए किए गए इस हमले में यूक्रेन ने रूस के 40 लंबी दूरी वाले बॉम्बर विमानों को तबाह कर दिया।
जानकारी के मुताबिक जिन रूसी बमवर्षकों में आग थी ये TU-95 और TU-22 थे, जिनका इस्तेमाल रूस यूक्रेन पर लंबी दूरी की मिसाइलें (long range missiles) दागने के लिए करता है। बताया गया है कि यूक्रेन की तरफ से किए गए इस हमले ने रूस को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचाया है। यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसियों (security agencies) की मानें तो उनके हमले में रूस के हवाई मिसाइल लॉन्चरों (missile launchers) के 34 फीसदी बेडे़ अब तबाह हो चुके हैं।
इस घटना को लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (President Volodymyr Zelensky) ने एक्स पर पोस्ट किया और बताया कि हमले में 117 ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने कहा, “यह यूक्रेन का सबसे लंबी दूरी तक अंजाम दिया गया अभियान था। रूस को काफी भारी नुकसान हुए हैं और यह उचित भी है। यूक्रेन की यह कार्रवाई इतिहास की किताबों में होगी।”
जेलेंस्की ने कहा कि रूस पर ड्रोन हमले की योजना बनाने का काम 18 महीने और 9 दिन पहले शुरू हो गया। पूरे हमले को यूक्रेन ने स्वतंत्र तौर पर अंजाम दिया। उनके बयान से साफ है कि हमले की जानकारी अमेरिका को नहीं दी गई थी और अमेरिकी अधिकारियों को इसकी भनक भी नहीं लगी। ड्रोन को ट्रकों में छिपाकर रूस के अंदर लाया गया था। लकड़ी के केबिन जैसे ट्रकों की छत से ड्रोन को उड़ाया गया, जिससे वे पास ही स्थित विमानों पर हमला कर सके। यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की और SBU चीफ वासिल मल्युक ने इस ऑपरेशन की निगरानी की थी। रिपोर्ट्स में दावा है कि यूक्रेन ने तस्करी कर इन ड्रोन्स को रूस के अंदर पहुंचाया।
इस हमले को लेकर रूस के चीफ ऑफ स्टाफ ने भी इशारतन एक पोस्ट किया है। उन्होंने पोस्ट करते हुए सिर्फ एक मकड़ी के जााले की इमोजी पोस्ट की है। जिसका सीधा संबंध इस ऑपरेशन जोड़ा जा रहा है।
ताज हमले के बाद रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे शांति प्रयासों को तगडा झटका लगा है। हालांकि इसके बीच दोनों देशों के बीच संघर्ष और तेज हो गया है।