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‘संजय दत्त मुंबई सीरियल ब्लास्ट रोक सकते थे अगर वह…’ राज्यसभा के लिए मनोनीत वकील उज्ज्वल निकम का बड़ा दावा

Mumbai 1993 Serial Blast Case: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में राज्यसभा के लिए चार सदस्यों को मनोनीत किया है। इनमें एक नाम मशहूर वकील उज्जवल देवराव निकम का भी शामिल है, जिन्होंने 26/11 हमलों जैसे कई चर्चित मामलों के सरकार का पक्ष रखा है। इस बीच राज्यसभा जाने की तैयारी कर रहे उज्ज्वल निकम ने 1993 में मुंबई सीरियल ब्लास्ट को लेकर बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि अगर अभिनेता संजय दत्त हथियारों से लदे वाहन की जानकारी पुलिस को दे देते, तो मुंबई में हुए ये सीरियल ब्लास्ट टल सकते थे।

By Abhimanyu 
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Mumbai 1993 Serial Blast Case: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में राज्यसभा के लिए चार सदस्यों को मनोनीत किया है। इनमें एक नाम मशहूर वकील उज्जवल देवराव निकम का भी शामिल है, जिन्होंने 26/11 हमलों जैसे कई चर्चित मामलों के सरकार का पक्ष रखा है। इस बीच राज्यसभा जाने की तैयारी कर रहे उज्ज्वल निकम ने 1993 में मुंबई सीरियल ब्लास्ट को लेकर बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि अगर अभिनेता संजय दत्त हथियारों से लदे वाहन की जानकारी पुलिस को दे देते, तो मुंबई में हुए ये सीरियल ब्लास्ट टल सकते थे।

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एक निजी समाचार चैनल से बातचीत में वकील उज्ज्वल निकम ने कहा, ‘मैं सिर्फ एक ही बात कहना चाहता हूं। धमाका 12 मार्च को हुआ। इससे एक दिन पहले वैन उनके (संजय दत्त) के घर पहुंची थी। वह हथियारों हैंड ग्रेनेड, एके 47 से लदी हुई थी। अबू सलेम उसे लेकर आया था।’ उन्होंने आगे कहा, ‘संजय ने कुछ हैंड ग्रेनेड और बंदूकें उठा ली थीं। इसके बाद उन्होंने सबकुछ वापस कर दिया और सिर्फ एक एके 47 रखी।’ वकील ने दावा करते हुए कहा, ‘अगर वह (संजय दत्त) उस समय पुलिस को सूचित कर देते, तो पुलिस जांच करती और मुंबई धमाके कभी नहीं होते।’

उज्ज्वल निकम ने बताया कि उन्होंने संजय दत्त के वकील से कहा था कि एके 47 का न चलना और उसका पास में होना एक अलग बात है, लेकिन संजय की ओर से पुलिस को हथियारों के बारे में न बताए जाने के चलते ब्लास्ट हुए और बहुत सारे लोगों की जान गई। हालांकि, निकम ने यह भी कहा कि तब संजय निर्दोष थे और बंदूकों के प्रति आकर्षण होने के कारण हथियार उठा लिया था। उन्होंने कहा, ‘कानून की नजरों में जुर्म किया है, लेकिन वह (संजय) सीधे व्यक्ति हैं। मैं उन्हें निर्दोष मानता हूं।’

बता दें कि 1993 में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुए धमाकों में 267 लोगों की मौत हो गई थी। कोर्ट ने TADA केस में संजय दत्त को बरी कर दिया था, लेकिन उन्हें आर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाया गया था। इसके बाद में सुप्रीम कोर्ट ने संजय की 6 साल की सजा को घटाकर 5 साल कर दिया था। दत्त इस दौरान महाराष्ट्र के पुणे स्थित येरवाड़ा जेल में बंद थे।

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