फेमस एक्ट्रेस करिश्मा कपूर के एक्स हसबैंड संजय कपूर अब इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। संजय कपूर के जाने बाद घर में पैसों और जायदाद को लेकर विवाद खड़ा हो चुका है।उनकी तीसरी पत्नी प्रिया सचदेव और दूसरी करिश्मा कपूर के बच्चों के बीच कानूनी लड़ाई भी जारी है, क्योंकि उन्हें अपने पिता संजय कपूर की जायदाद से कुछ हासिल नहीं हुआ है. अब अपने भाई संजय कपूर की वसीयत पर बहन ने हैरानी जताई है।
फेमस एक्ट्रेस करिश्मा कपूर के एक्स हसबैंड संजय कपूर अब इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। संजय कपूर के जाने बाद घर में पैसों और जायदाद को लेकर विवाद खड़ा हो चुका है।उनकी तीसरी पत्नी प्रिया सचदेव और दूसरी करिश्मा कपूर के बच्चों के बीच कानूनी लड़ाई भी जारी है, क्योंकि उन्हें अपने पिता संजय कपूर की जायदाद से कुछ हासिल नहीं हुआ है. अब अपने भाई संजय कपूर की वसीयत पर बहन ने हैरानी जताई है।
वसीयत से निकला करिश्मा के बच्चों का नाम, क्या बोलीं संजय कपूर की बहन?
संजय कपूर की बहन मंदिरा कपूर स्मिथ ने एक यूट्यूब चैनल पर कहा है कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि उनके भाई ने अपने बच्चों को अपनी वसीयत में जगह नहीं दी। उन्हे अपने परिवार का पब्लिक के मज़ाक बनता देख खुशी नहीं होती है मंदिरा ने कहा, ‘हमने वसीयत पढ़ी है और वो मुझे बिल्कुल नॉर्मल नहीं लगी थी। मुझे समाज नहीं आ रहा है की मेरा भाई भला ऐसा क्यूँ कर सकता है कि वसीयत से अपने बच्चों का नाम कैसे हटा सकता है.’
पहली बात जो हमने सुनी वो थी कि करिश्मा के बच्चों को कुछ नहीं मिलने वाला. ये पूरी बात बहुत अजीब है। मेरी माँ इस बात को लेकर बहुत परेशान थी। उन्हें पूरी बात पर यकीन नहीं हुआ।मेरी दिक्कत ये है कि इस परिवार को मजाक बना दिया गया है। मेरे पिता ने अपनी विरासत बनाने के लिए बहुत मेहनत की और मेरे भाई ने इसे आगे बढ़ाया। इस सबका पूरी दुनिया के सामने मज़ाक उयड रहा है वो भी पैसों के लिए।
क्या संजय कपूर की वसीयत पर है मंदिरा को शक?
मंदिरा ने आगे ये भी कहा है कि उन्हें अपने भाई संजय कपूर की वसीयत पर पूरा शक है. क्योंकि उनके परिवार की विरासत को सभी ने मिलकर बनाया है और वो हैरान हैं कि ये सबकुछ अब प्रिया सचदेव के पास जाएगा. मंदिरा ने कहा, ‘सच कहूं तो, मुझे इस पूरे मामले पर बहुत शक है. हमारा परिवार ऐसे नहीं चलता. लोग जो चाहें कह सकते हैं और ये सच है कि मैंने अपने भाई से चार साल तक बात नहीं की. लेकिन मैं उसके साथ पली-बढ़ी और पूरी जिंदगी उसके साथ रही. कोई कुछ भी कहे, मैं हमेशा उसकी बहन ही रहूंगी.’ ‘क्योंकि आप पारिवारिक रिश्ते नहीं तोड़ सकते और ना ही अपने खून से छुटकारा पा सकते हैं. इस परिवार ने मिलकर इस विरासत को बनाया है और आप मुझे बता रहे हैं कि ये सब इस एक लड़की को जाएगा. मेरी मां ने मेरे पिता के साथ मिलकर जो घर बनाया था, वो उनका नहीं है. इसमें कुछ भी दिक्कत नहीं है।