दरअसल प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह ने प्रदेश में बेपटरी दौड़ रही स्कूली शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए निर्देश दिए है। विभाग की नई शिक्षा नीति के तहत नवनियुक्त शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में कम से कम तीन वर्ष और अपने संपूर्ण सेवाकाल के न्यूनतम 10 साल कार्य करना होगा।
भोपाल। प्रदेश के विभिन्न जिलों में सरकारी स्कूलों के शिक्षक सालों से शहरों में और वह भी एक ही जगह जमे हुए है लेकिन अब ऐसे शिक्षकों को कम से कम तीन वर्षो तक गांवों में जाकर पढ़ाना होगा। दरअसल प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह ने प्रदेश में बेपटरी दौड़ रही स्कूली शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए निर्देश दिए है।
स्कूली शिक्षा में मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने एक बार फिर सालों से शहरों में जमें शिक्षकों को गांव में भेजने के निर्देश दिए हैं। यह निर्देश विभाग की हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में दिए हैं। तीन दिन पहले हुई स्कूल शिक्षा विभाग की वीडियो कांफ्रेंसिंग में मंत्री ने एक बार फिर सालों से शहरों में जमे शिक्षकों को गांव में भेजने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा है कि शहरों में जिन स्कूलों का रिजल्ट लगातार कम आ रहा है, उन स्कूलों के शिक्षकों को प्रशासकीय आधार पर गांव में भेजा जाएगा। मंत्री के इन निर्देशों पर कितना अमल हो पाता है. यह आने वाला समय ही बताएगा।
विभाग की नई शिक्षा नीति
विभाग की नई शिक्षा नीति के तहत नवनियुक्त शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में कम से कम तीन वर्ष और अपने संपूर्ण सेवाकाल के न्यूनतम 10 साल कार्य करना होगा। दस वर्ष या इससे अधिक अवधि तक एक ही संस्था विशेषकर शहरी क्षेत्रों में पदस्थ शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षक विहीन और शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में पदस्थ किया जाएगा। हालांकि उक्त नियम का स्कूल शिक्षा विभाग पालन नहीं करवा पा रहा है। नवनियुक्त शिक्षकों की पदस्थापना के एक साल बाद ही कुछ के ट्रांसफर भी कर दिए जाते हैं।