उत्तराखंड के ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Saraswati) ने सोमवार शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे (Shiv Sena (UBT) leader Uddhav Thackeray) से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) विश्वासघात के शिकार हुए हैं।
मुंबई। उत्तराखंड के ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Saraswati) ने सोमवार शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे (Shiv Sena (UBT) leader Uddhav Thackeray) से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) विश्वासघात के शिकार हुए हैं। उन्होंने ठाकरे के बांद्रा स्थित आवास मातोश्री में उनसे मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के साथ विश्वासघात हुआ है। कई लोग इससे दुखी हैं। मैंने आज उनके अनुरोध पर उनसे मुलाकात की। मैंने उनसे कहा कि जब तक वह दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन जाते, लोगों का दर्द कम नहीं होगा।
VIDEO | Swami Avimukteshwaranand Saraswati, Shankaracharya of Jyotirmath was at 'Matoshree' in Mumbai on request of Shiv Sena (UBT) Chief Uddhav Thackeray. Here's what he said interacting with the media.
"We follow Hindu religion. We believe in 'Punya' and 'Paap'. 'Vishwasghat'… pic.twitter.com/AZCJaDfHhi
— Press Trust of India (@PTI_News) July 15, 2024
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Avimukteshwaran) ने कहा कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि वह हमारे आशीर्वाद के बाद जो भी करना होगा, करेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वासघात सबसे बड़ा पाप है। जो विश्वासघात करता है, वह हिंदू नहीं हो सकता। जो विश्वासघात को सहन करता है, वह हिंदू है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की पूरी जनता विश्वासघात से दुखी है और यह हाल के लोकसभा चुनावों में भी दिखाई दिया। हमारा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन हम विश्वासघात की बात कर रहे हैं, जो धर्म के अनुसार पाप है। शंकराचार्य ने मातोश्री बंगले (Matoshree Bungalow) में एक पूजा समारोह में भी भाग लिया।
जब केदारनाथ का पता हिमालय में है, तो यह दिल्ली में कैसे हो सकता है?
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami) की ओर से 10 जुलाई को नई दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की आधारशिला (Foundation stone of Kedarnath temple) रखे जाने पर उन्होंने कहा कि जब केदारनाथ का पता हिमालय में है, तो यह दिल्ली में कैसे हो सकता है? आप लोगों को क्यों भ्रमित कर रहे हैं?