Sheikh Hasina's new revelation: पिछले साल बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ हुए हिंसक छात्र आंदोलन के बाद तत्कालीन पीएम शेख हसीना को भागकर भारत में शरण लेनी पड़ी थी। अब पूर्व पीएम के बांग्लादेश छोड़ने को लेकर एक नया खुलासा किया गया है। नए दावे के अनुसार, अगर शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़ने में 20-25 मिनट की और देरी होती तो हसीना और उनकी बहन की जान जा सकती थी।
Sheikh Hasina’s new revelation: पिछले साल बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ हुए हिंसक छात्र आंदोलन के बाद तत्कालीन पीएम शेख हसीना को भागकर भारत में शरण लेनी पड़ी थी। अब पूर्व पीएम के बांग्लादेश छोड़ने को लेकर एक नया खुलासा किया गया है। नए दावे के अनुसार, अगर शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़ने में 20-25 मिनट की और देरी होती तो हसीना और उनकी बहन की जान जा सकती थी।
दरअसल, बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने नया दावा किया है कि जब वो बांग्लादेश में थी, तो उन्हें मारने की साजिश रची गई थी। उनकी छोटी बहन शेख रेहाना को भी निशाना बनाने की कोशिश हुई थी। शुक्रवार देर रात शेख हसीना की पार्टी बांग्लादेश अवामी लीग के फेसबुक पेज पर शेयर किए गए ऑडियो संदेश शेयर किया गया है। जिसमें हसीना ने यह खुलासा किया है।
शेख हसीना ने कहा, “मैं और मेरी बहन बस 20-25 मिनट के अंतर से बच गईं।” उन्होंने कहा, “मुझे और मेरी बहन को मारने की साजिश रची गई थी।” हसीना ने कहा, “21 अगस्त की हत्याओं और कोटलीपारा में बम हमले से बचना…केवल अल्लाह की मर्जी से हुआ। मुझे अल्लाह ने बचाया ताकि मैं कुछ और कर सकूं। हालांकि, मुझे अपने देश और अपने ही घर से दूर रहना पड़ रहा है।”
हसीना के मुताबिक, यह पहली बार नहीं है कि जब उनकी हत्या की साजिश रची गई। 21 अगस्त 2004 को ढाका में आतंकवाद विरोधी रैली के दौरान उनको निशाना बनाकर ग्रेनेड हमला किया गया था, जिसमें 24 लोगों की मौत हो गयी थी, जबकि 500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस हमले में हसीना मामूली चोटें आयीं थी और वह बाल-बाल बची थीं।
गौरतलब है कि पिछले साल बांग्लादेश में हुए हिंसक प्रदर्शन में 600 से ज्यादा लोग मारे गए थे। यहां तक की भीड़ तत्कालीन पीएम शेख हसीना के घर तक घुस गई थी। वहीं, शेख हसीना अपनी जान बचाकर भारत में शरण लेनी पड़ी थी। देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने हसीना के 15 साल के शासन के दौरान कथित रूप से लोगों के गायब होने के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं, जिसमें अभियोजकों ने उनके प्रशासन पर 500 से अधिक व्यक्तियों का अपहरण करने का आरोप लगाया है।