बांग्लादेश की कोर्ट ने हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी करार देते हुए अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) को मौत की सजा सुनाई है। इस बीच हसीना फिलहाल सुरक्षित भारत में मौजूद हैं। भारत की तरफ से अपदस्थ पीएम को इस तरह सुरक्षा दिए जाने पर शेख हसीना (Sheikh Hasina) के बेटे सजीब वाजेद (Sajeeb Wazed) ने बुधवार को एक इंटरव्यू में भारत सरकार की तारीफ की और कहा कि वे इसके लिए पीएम मोदी (PM Modi) की सरकार के आभारी रहेंगे।
नई दिल्ली। बांग्लादेश की कोर्ट ने हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी करार देते हुए अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) को मौत की सजा सुनाई है। इस बीच हसीना फिलहाल सुरक्षित भारत में मौजूद हैं। भारत की तरफ से अपदस्थ पीएम को इस तरह सुरक्षा दिए जाने पर शेख हसीना (Sheikh Hasina) के बेटे सजीब वाजेद (Sajeeb Wazed) ने बुधवार को एक इंटरव्यू में भारत सरकार की तारीफ की और कहा कि वे इसके लिए पीएम मोदी (PM Modi) की सरकार के आभारी रहेंगे।
अमेरिका के वर्जीनिया में रह रहे सजीब ने कहा कि भारत हमेशा से एक अच्छा दोस्त रहा है। संकट के समय भारत ने मेरी मां की जान बचाई है। अगर वो बांग्लादेश नहीं छोड़तीं, तो उग्रवादियों ने उनकी हत्या की योजना बना ली होती। इसलिए मैं अपनी मां की जान बचाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सरकार का हमेशा आभारी रहूंगा।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय (Sajeeb Wazed Joy) ने अपनी मां के खिलाफ चल रही न्यायिक प्रक्रिया को अवैध बताते हुए ढाका के प्रत्यर्पण अनुरोध पर कड़ा प्रहार किया है। सजीब वाजेद (Sajeeb Wazed) ने दावा किया कि बांग्लादेश में शेख हसीना की जान को गंभीर खतरा था और भारत ने उनकी जिंदगी बचाई। वाजेद ने बांग्लादेश सरकार के प्रत्यर्पण अनुरोध को ‘अवैध’ करार देते हुए कहा है कि भारत इस पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा। वाजेद ने भारतीय लोकतंत्र और कानून के शासन पर पूर्ण विश्वास जताते हुए कहा कि नई दिल्ली इस तरह के अवैध अनुरोध को नजरअंदाज कर देगी।
इंटरव्यू में सजीब ने कहा कि अगस्त 2024 में जब हसीना को भारत लाया गया, तब कट्टरपंथी समूह उन्हें मारने की योजना बना चुके थे। उन्होंने कहा कि भारत ने मूलतः मेरी मां की जान बचाई है। अगर वह बांग्लादेश में रहतीं, तो उन्हें मार दिया जाता।
न्यायिक प्रक्रिया को बताया ‘फर्जी’, 17 जज हटाए गए
सजीब ने बांग्लादेश द्वारा भेजे गए प्रत्यर्पण अनुरोध को किसी भी तरह वैध नहीं कहा। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ट्रायल से पहले 17 जजों को हटा दिया गया। बिना संसद की मंजूरी के कानूनों में संशोधन किया गया। रक्षा वकीलों को अदालत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि जब कोई न्यायिक प्रक्रिया ही मौजूद नहीं है, तो दुनिया का कोई भी देश प्रत्यर्पण को स्वीकार नहीं करेगा।
‘राजनीतिक तख्तापलट था’, जनआंदोलन नहीं
जुलाई 2024 में हुए विरोध प्रदर्शनों को लेकर सजीब ने स्वीकार किया कि उनकी सरकार ने शुरुआत में स्थिति संभालने में चूक की, लेकिन वे आंदोलन को खुद से फैले जनआक्रोश नहीं, बल्कि संगठित राजनीतिक तख्तापलट बताते हैं। हसीने के बेटे दावा किया कि अंतरिम यूनुस सरकार ने उनके शासनकाल में दोषी ठहराए गए दसियों हजार आतंकवादियों को रिहा कर दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कि लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) बांग्लादेश में खुलकर काम कर रहा है। उसके स्थानीय नेटवर्क का भारत में हालिया हमलों से संबंध है। यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत-बांग्लादेश संबंध पहले ही सीमाई सुरक्षा, अल्पसंख्यक मुद्दों और राजनीतिक अस्थिरता को लेकर तनावपूर्ण हैं।
ISI पर हथियार सप्लाई का आरोप
सजीब ने दावा किया कि पिछले वर्ष के विरोध प्रदर्शनों में कई हथियारबंद लोग शामिल थे और बिना शक यह हथियार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने ही उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि वीडियो साक्ष्य इस बात की पुष्टि करते हैं।
अमेरिकी भूमिका पर भी बड़ा दावा
सजीब वाजेद ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) के कथित बयान का हवाला देते हुए कहा कि बाइडन प्रशासन ने USAID के जरिए बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन पर लाखों डॉलर खर्च किए। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि ट्रंप प्रशासन बांग्लादेश में इस्लामवाद और आतंकवाद के बढ़ने को लेकर अधिक चिंतित था।
अंतरिम सरकार पर हमला करते हुए सजीब वाजेद (Sajeeb Wazed) ने कहा कि एक साल से अधिक समय से एक “गैर-निर्वाचित सरकार” सत्ता में है। दसियों हजार राजनीतिक बंदी बिना ट्रायल जेल में हैं। 100 से अधिक पूर्व सांसद भी हिरासत में हैं। उन्होंने पूछा कि अगर मुहम्मद यूनुस लोकप्रिय हैं, तो वे चुनाव क्यों नहीं करवाते? हसीना के बेटे के अनुसार छात्र आंदोलन की पार्टी को सर्वेक्षण में मात्र 2 प्रतिशत समर्थन मिला है।
भ्रष्टाचार पर सफाई, आर्थिक उपलब्धियों का दावा
अपनी मां की सरकार में भ्रष्टाचार के सवाल पर सजीब वाजेद (Sajeeb Wazed) ने स्वीकार किया कि बांग्लादेश में भ्रष्टाचार था, लेकिन दावा किया कि बांग्लादेश दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों की सूची से बाहर आया। बांग्लादेश LDC से उभरकर एक संभावित ‘एशियन टाइगर’ के रूप में पहचाना गया।