1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. ‘बिहार में SIR चुनावी घोटाला’, आप सांसद संजय सिंह ने सदन में नियम 267 के तहत दिया नोटिस, चर्चा की मांग

‘बिहार में SIR चुनावी घोटाला’, आप सांसद संजय सिंह ने सदन में नियम 267 के तहत दिया नोटिस, चर्चा की मांग

आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को राज्यसभा में बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर गंभीर सवाल उठाए। सांसद संजय सिंह ने नियम 267 के तहत नोटिस देकर सदन की सभी कार्यवाहियों को स्थगित कर इस मुद्दे पर तत्काल और विशेष चर्चा की मांग की।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को राज्यसभा में बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर गंभीर सवाल उठाए। सांसद संजय सिंह ने नियम 267 के तहत नोटिस देकर सदन की सभी कार्यवाहियों को स्थगित कर इस मुद्दे पर तत्काल और विशेष चर्चा की मांग की।

पढ़ें :- Goa Nightclub Fire: नाइटक्लब के मालिक के खिलाफ दर्ज हुई FIR, जांच में पाई गईं कई कमियां

संजय सिंह ने कहा कि बिहार में जारी वोटर लिस्ट रिवीजन प्रक्रिया “एक बड़े चुनावी घोटाले” की तरह काम कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण न केवल गैर-पारदर्शी है बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत जाकर करोड़ों मतदाताओं के अधिकारों को प्रभावित कर रहा है।

संजय सिंह ने कहा कि बिहार में SIR बहुत बड़ा चुनावी घोटाला है। उन्होंने कहा कि जहाँ मतदाता सूचियों का नियमित व पारदर्शी पुनरीक्षण लोकतांत्रिक प्रणाली की आधारशिला है, वहीं बिहार में अपनाई जा रही इस प्रक्रिया का स्वरूप कई स्तरों पर चिंताजनक और असमानता को बढ़ावा देने वाला दिखाई देता है। विशेषतः जब हम इसे वर्ष 2025 के आगामी विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में देखते हैं। इस प्रक्रिया में राज्य के लगभग 8 करोड़ मतदाता सम्मिलित हैं, जिनसे कठोर प्रकृति के दस्तावेज़ों की मांग की जा रही है। विशेष रूप से उन प्रवासी मज़दूरों, छात्रों और आर्थिक रूप से पिछड़े तबकों के लिए यह प्रक्रिया लगभग नामुमकिन सिद्ध हो रही है, जिनके पास पहचान के रूप में केवल आधार कार्ड ही उपलब्ध है। एक ऐसा दस्तावेज़ जिसे सरकार स्वयं व्यापक पहचान प्रमाण के रूप में मान्यता देती आई है। लेकिन इस पुनरीक्षण में उसे अस्वीकार किया जा रहा है।

संजय सिंह ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि 2003 के बाद मतदाता सूची में जोड़े गए नागरिकों से अब उनके माता-पिता की जन्मतिथि और जन्म स्थान का प्रमाण भी मांगा जा रहा है यह एक ऐसी अपेक्षा है, जो ग्रामीण, अशिक्षित और सामाजिक रूप से वंचित समुदायों के लिए लगभग असंभव है। उनके पास न तो औपचारिक जन्म प्रमाण पत्र हैं. न स्कूल रिकॉर्ड, और न ही वह प्रशासनिक पहुँच जिससे वे ये दस्तावेज़ प्राप्त कर सकें।

उन्होंने कहा कि जनवरी 2023 में प्रवासी मजदूरों को दूरस्थ मतदान का जो आश्वासन दिया गया था, वह अब न केवल विफल होता दिखाई दे रहा है, बल्कि उन्हें उनके अस्थायी अनुपस्थिति के आधार पर मतदाता सूची से ही हटाने का खतरा पैदा हो गया है। यह लोकतंत्र के उन मौलिक मूल्यों के विपरीत है जो नागरिकों की भागीदारी को बढ़ाने की बात करते हैं। यह न केवल संविधान के अनुच्छेद 326 में निहित सार्वभौमिक मताधिकार के अधिकार का उल्लंघन है, बल्कि इससे हमारे लोकतंत्र की विश्वसनीयता पर भी गहरी चोट पहुँचती है।

पढ़ें :- Indigo Crisis : ए चौकीदार…बोला के जिम्मेदार? नेहा सिंह राठौर ने साधा निशाना, बोलीं- सरकार पर भरोसा रखिए वो आपको सही जगह पहुंचा कर ही दम लेगी…

संजय सिंह ने यह भी कहा कि मतदाता सूची में किसी भी गड़बड़ी का सीधा असर लोकतंत्र की निष्पक्षता पर पड़ता है। उन्होंने मांग की कि बिहार में चल रहे इस SIR अभियान की जांच की जाए और इसे तत्काल रोककर सभी मतदाताओं को निष्पक्ष एवं सरल तरीके से पुनरीक्षण की सुविधा दी जाए। आप सांसद संजय सिंह ने इस गंभीर विषय पर चर्चा करने हेतु नियम 267 के अंतर्गत यह मांग की है कि सदन की सभी कार्यवाही को स्थगित कर इस अति महत्वपूर्ण विषय चर्चा कराई जाए, जिससे कि नागरिकों के मताधिकार की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...