समाजवादी पार्टी नेता अब्दुल्ला आजम (SP leader Abdullah Azam) के खिलाफ मुरादाबाद की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट (Special MP-MLA court of Moradabad) ने गैर जमानती वारंट (NBW) जारी किया है। बता दें कि 2008 में मुरादाबाद के छजलैट थाना इलाके में सड़क जाम करने और सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में आजम खान और अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) दोनों को को कोर्ट ने दोषी ठहराया गया था।
UP News: समाजवादी पार्टी नेता अब्दुल्ला आजम (SP leader Abdullah Azam) के खिलाफ मुरादाबाद की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट (Special MP-MLA court of Moradabad) ने गैर जमानती वारंट (NBW) जारी किया है। बता दें कि 2008 में मुरादाबाद के छजलैट थाना इलाके में सड़क जाम करने और सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में आजम खान और अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) दोनों को को कोर्ट ने दोषी ठहराया गया था। साथ ही 2-2 साल की सजा सुनाई गई थी। इस सजा के खिलाफ अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) ने अपील की थी लेकिन वह कोर्ट नहीं आ रहे थे। इसलिए कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान (SP leader Abdullah Azam) और उनके परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट ने रामपुर से पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया है। साल 2008 के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने 13 फरवरी 2023 को दोनों को दोषी ठहराते हुए दो-दो साल की सजा और तीन-तीन हजार रुपये जुर्माना लगाया था।
इसके खिलाफ आजम खान और अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) ने अपील दायर की थी, हालांकि कई बार पेश न होने के कारण एडीजे-3 कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) के खिलाफ एनबीडब्ल्यू (NBW) जारी किया है। इसके पहले ही आजम खान की अपील खारिज हो चुकी है और उनकी सजा बरकरार है।
विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि इस मामले में अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) को दो साल की सजा का ऐलान हुआ था। सजा के खिलाफ एमपी-एमएलए की सेशन कोर्ट (Session court of MP-MLA) में अपील पर सुनवाई विचाराधीन है, इसके बाद भी कोर्ट में सुनवाई के बावजूद अब्दुल्ला आजम हाजिर नहीं हो रहे हैं। शुक्रवार को कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए अब्दुल्ला के खिलाफ गैर जमानती वारंट (NBW) जारी किया है। आजम खान अभी सीतापुर जेल में बंद हैं लेकिन अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) फरवरी में ही जमानत पर हरदोई जेल से बाहर आ चुके हैं और वह रामपुर में हैं। अब एक बार फिर उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।