1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. मानव-वन्यजीव संघर्ष को प्राकृतिक आपदा मानें राज्य: सुप्रीम कोर्ट

मानव-वन्यजीव संघर्ष को प्राकृतिक आपदा मानें राज्य: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक महत्वपूर्ण फैसले में निर्देश दिया है कि सभी राज्य मानव-वन्यजीव संघर्ष को सक्रिय रूप से प्राकृतिक आपदा के रूप में अधिसूचित करें। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह भी आदेश दिया कि ऐसे संघर्षों के पीड़ितों को केंद्र प्रायोजित योजना (CSS-IDWH) के तहत 10 लाख रुपए की अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाए।

By Satish Singh 
Updated Date

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक महत्वपूर्ण फैसले में निर्देश दिया है कि सभी राज्य मानव-वन्यजीव संघर्ष (Human-wildlife conflict) को सक्रिय रूप से प्राकृतिक आपदा के रूप में अधिसूचित करें। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई (Chief Justice BR Gavai) की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह भी आदेश दिया कि ऐसे संघर्षों के पीड़ितों को केंद्र प्रायोजित योजना (CSS-IDWH) के तहत 10 लाख रुपए की अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाए।

पढ़ें :- 'अरावली की पहाड़ियों के लिए मोदी सरकार ने साइन किया डेथ वारंट', सोनिया गांधी ने लेख में प्रदूषण को लेकर जताई चिंता

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जोर दिया कि सभी राज्यों में फसल क्षति, मानव और पशुधन (Crop damage, human and livestock) दोनों के जीवन के नुकसान के लिए सुगम और समावेशी मुआवजा नीतियां होनी चाहिए। साथ ही, इन मुद्दों को कम करने के लिए विभिन्न एजेंसियों और विभागों के बीच घनिष्ठ समन्वय और अनिवार्य जिम्मेदारियां सुनिश्चित की जानी चाहिए। एक संबंधित मामले में कोर्ट ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (Corbett Tiger Reserve) में अवैध पेड़ काटने और निर्माण पर भी सुनवाई की। उत्तराखंड राज्य (Uttarakhand State) को कॉर्बेट की पारिस्थितिकी को बहाल करने और मरम्मत करने के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया गया है। राज्य को दो महीने में बहाली योजना प्रस्तुत करने, तीन महीने में अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने और एक साल में अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। इसके अतिरिक्त सभी राज्यों को अगले छह महीनों के भीतर अपने बाघ अभयारण्यों के बफर और कोर क्षेत्रों को अधिसूचित करने का भी आदेश दिया गया है।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...