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सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई के फार्मूले को दी मंजूरी, कोर्ट ने बोर्ड को तीन चीजें सुनिश्चित करने को कहा

केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 12 वीं बोर्ड की परीक्षा के परिणाम जारी करने के लिए एक फॉर्मूला गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा, जिसे उसने स्वीकार कर लिया है। ताजा अपडेट के मुताबिक 12वीं के छात्रों की योग्यता का मूल्यांकन कक्षा 10, 11, 12 की अंतिम परीक्षाओं के आधार पर 30:30:40 के अनुपात में किया जाएगा।

By संतोष सिंह 
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नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 12 वीं बोर्ड की परीक्षा के परिणाम जारी करने के लिए एक फॉर्मूला गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा, जिसे उसने स्वीकार कर लिया है। ताजा अपडेट के मुताबिक 12वीं के छात्रों की योग्यता का मूल्यांकन कक्षा 10, 11, 12 की अंतिम परीक्षाओं के आधार पर 30:30:40 के अनुपात में किया जाएगा। सीबीएसई के मूल्यांकन मानदंडों से सहमत होने के बावजूद शीर्ष अदालत ने बोर्ड से अपने फार्मूले में तीन पहलुओं को शामिल करने को कहा है। इस मुद्दे अंतिम आदेश 21 जून को जारी होगा

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सीबीएसई ने न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ को परीक्षा परिणाम के लिए एक फॉर्मूला बताया जिसके तहत 12वीं के परिणाम के लिए 10वीं और 11वीं में प्राप्त अंकों पर भी विचार किया जाएगा।

सीबीएसई ने कहा कि 12वीं के लिए यूनिट टेस्ट / मिड-टर्म / प्री-बोर्ड परीक्षा के आधार पर 40 प्रतिशत अंकों का आकलन किया जाएगा, जबकि 11 वीं की अंतिम परीक्षा के थ्योरी कंपोनेंट पर आधारित अंकों का 30 प्रतिशत वेटेज होगा और मुख्य पांच विषयों में से सर्वश्रेष्ठ तीन प्रदर्शन करने वाले विषयों के औसत के आधार पर कक्षा 10 के अंकों में 30 प्रतिशत वेटेज होगा।

मूल्यांकन क्राइटेरिया के मुद्दे पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड को तीन चीजें सुनिश्चित करने को कहा है। कोर्ट ने सीबीएसई से विवाद समाधान समिति के लिए प्रावधान बनाने को कहा है। समिति का उद्देश्य छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों के बारे में उनकी शिकायतों का समाधान करना होना चाहिए। बोर्ड को परिणामों की घोषणा के लिए एक निश्चित समयसीमा घोषित करनी चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि छात्रों को अनिश्चितता के साथ परिणाम का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सीबीएसई को उस तारीख के बारे में भी बताना होगा जिसके द्वारा वैकल्पिक परीक्षा आयोजित की जाएगी।

इस फॉर्मूले को न्यायालय ने स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने कहा कि 30 जुलाई तक परिणाम घोषित किये जाएंगे। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कक्षा 12 की परीक्षा रद्द करने के बोर्ड के फैसले को वापस लेने का आग्रह किया। जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं को रद्द करने के सीबीएसई के फैसले की समीक्षा करने का कोई सवाल ही नहीं है। इसमें आगे कहा गया है कि स्थिति अनुकूल होने पर छात्रों को बाद में परीक्षा में बैठने का प्रावधान है।

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