NEET-UG परीक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा दायर किया है। सरकार ने कहा कि वह इस परीक्षा को रद्द नहीं करना चाहती है। सरकार ने कहा कि जब तक यह सबूत नहीं मिल जाता कि पूरे भारत में पेपर लीक हुआ है। तब तक पूरी परीक्षा को रद्द करना ठीक नहीं होगा, क्योंकि परिणाम घोषित किए जा चुके हैं। परीक्षा रद्द करना लाखों होनहार परीक्षार्थियों के साथ धोखाधड़ी होगी।
नई दिल्ली। NEET-UG परीक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा दायर किया है। सरकार ने कहा कि वह इस परीक्षा को रद्द नहीं करना चाहती है। सरकार ने कहा कि जब तक यह सबूत नहीं मिल जाता कि पूरे भारत में पेपर लीक हुआ है। तब तक पूरी परीक्षा को रद्द करना ठीक नहीं होगा, क्योंकि परिणाम घोषित किए जा चुके हैं। परीक्षा रद्द करना लाखों होनहार परीक्षार्थियों के साथ धोखाधड़ी होगी।
सरकार ने परीक्षा रद्द नहीं किए जाने पर जोर देते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के 2021 के सचिन कुमार विरूद्ध डीएसएसबी में जारी फैसले का हवाला दिया। सरकार ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) की ओर से एक हाई लेवल कमेटी एनटीए (NTA) को बेहतर बनाने और परीक्षाओं को सही तरीके से कराने के सुझाव देने के संबंध गठित की गई है। इस कमेटी का नेतृत्व पूर्व इसरो चेयरमैन डॉक्टर के राधाकृष्णन (Former ISRO Chairman Dr. K Radhakrishnan) कर रहे हैं, जो दो माह में मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेंगे। पेपर लीक करने के पीछे संगठित गिरोह और सरगना का पता लगाने के लिए जांच लगातार जारी है।
पेपर लीक के पीछे कौन, जल्द होगा पर्दाफाश
सरकार ने कहा है कि सेंट्रल एजेंसी जांच में मिली लीड के आधार पर आगे बढ़ रही है। पेपर लीक के पीछे कौन है? इसका जल्द पर्दाफाश होगा। हरेक पहलू पर गौर किया जा रहा है और हरेक तथ्य को खंगाला जा रहा है। सरकार ने हाल ही में लागू किए गए सार्वजनिक परीक्षा कानून का दिया हवाला और कहा कि भविष्य में ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ सख्ती से निपटा जा सके इसके लिए सरकार सख्त कानून लेकर आई है। सरकार की ओर से शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक वरुण भारद्वाज ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा दाखिल किया।
शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) ने दाखिल हलफनामे में सफाई दी और कहा कि सरकार और उसके निकाय सभी प्रतियोगी परीक्षाएं सही और पारदर्शी तरीके से कराने के लिए प्रतिबद्ध है। परीक्षाओं के मद्देनजर प्रश्न पत्रों को गोपनीय रखना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। सरकार ने कहा कि जिन आपराधिक तत्वों ने प्रश्न पत्रों की गोपनीयता भंग की है। उन्हें कानून की पूरी ताकत के साथ कदम उठाकर सरकार सजा दिलाएगी। सरकार ने कहा कि जिन लाखों परीक्षार्थियों ने मेहनत करके परीक्षा दी है और अच्छे अंक लाए हैं। उन्हें और उनके परिजनों को बेवजह परेशानी से बचाने के लिए सरकार भरसक प्रयास कर रही है इसीलिए जांच के जरिए वास्तविक तथ्यों को खंगाला जा रहा है।
नीट पेपर लीक मामले की जांच कर रही है CBI
मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंप दी है और सीबीआई (CBI) मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच कर रही है। पेपर लीक कई राज्यों में हुआ है। सीबीआई (CBI) ने पिछले महीने की 23 तारीख को IPC की धारा 420, 419, 409, 406, 201, 120B और पीसी एक्ट की धारा -13(2), 13(1) में एफआईआर (FIR)दर्ज की है। नीट यूजी की परीक्षा 5 मई को हुई थी। करीब 24-25 लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। 4 जून को इसका रिजल्ट आया था। परिणाम घोषित होने के बाद से ही इस पर सवाल उठने लगे।
इस परीक्षा में एक साथ 67 टॉप कर गए। सभी को 720 में से 720 नंबर मिले। ऐसा पहली बार हुआ कि इतनी बड़ी संख्या में छात्रों ने पूरे 100 फीसदी नंबर प्राप्त किए हों। इसके बाद यह मामला पूरे देश में गरमा गया। मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में है। पूरे मामले में अब तक अलग अलग तरह की 24 याचिकाएं सूचीबद्ध हो चुकी हैं। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय बेंच 8 जुलाई को मामले की सुनवाई करेगी।