विश्व विख्यात ठाकुर बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर निर्माण और ट्रस्ट गठन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। वहीं प्रदेश सरकार के दो मंत्री सेवायत गोस्वामी समाज से कोर्ट के बाहर मामले को सुलझाने के लिए प्रयास के तहत वृंदावन पहुंचे। यहां उन्होंने रुक्मिणी विहार स्थित एक होटल के बंद कमरे में गोस्वामी समाज के लोगों से गुप्त बैठक की।
मथुरा। विश्व विख्यात ठाकुर बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर निर्माण और ट्रस्ट गठन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। वहीं प्रदेश सरकार के दो मंत्री सेवायत गोस्वामी समाज से कोर्ट के बाहर मामले को सुलझाने के लिए प्रयास के तहत वृंदावन पहुंचे। यहां उन्होंने रुक्मिणी विहार स्थित एक होटल के बंद कमरे में गोस्वामी समाज के लोगों से गुप्त बैठक की।
लेकिन गोस्वामियों के अनुसार कॉरिडोर के मुद्दे पर बैठक बेनतीजा रही। वहीं मंत्री ने इसे श्री कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारी की बैठक बताया। आपको बताते चलें कि रविवार शाम को रूकमणि विहार स्थित एक होटल में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह और गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण बांके बिहारी मंदिर के सेवायत गोस्वामी समाज के साथ बैठक के लिए पहुंचे थे।
VIDEO- प्रदेश सरकार के दो मंत्री सेवायत गोस्वामी समाज से कोर्ट के बाहर मामले को सुलझाने के लिए प्रयास के तहत वृंदावन पहुंचे। यहां उन्होंने रुक्मिणी विहार स्थित एक होटल के बंद कमरे में गोस्वामी समाज के लोगों से गुप्त बैठक की। pic.twitter.com/asJ9QApUOM
— santosh singh (@SantoshGaharwar) August 4, 2025
इस बैठक से मीडिया को दूर रखा गया। लगभग 1 घंटे चली बैठक के बाद जब सेवायत गोस्वामी बाहर आए तो उन्होंने बताया कि कॉरिडोर प्रोजेक्ट और न्यास गठन को लेकर चर्चा हुई हैं। सभी गोस्वामियों ने कॉरिडोर प्रोजेक्ट और न्यास का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सरकार कॉरिडोर को यमुना पार बनाए और अध्यादेश को वापस ले।
वहीं दूसरी ओर जब इस बारे में गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण से बैठक के बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि गोस्वामी समाज के साथ श्री कृष्ण जन्माष्टमी और स्वामी हरिदास संगीत समारोह की तैयारी पर चर्चा हुई है। साथ ही अधिकारियों से छाता क्षेत्र की जलभराव की समस्या के निदान पर बात हुई है।
रुक्मिणी विहार स्थित होटल में हुई इस गुप्त बैठक को लेकर जिस तरह से गोस्वामी समाज एवं मंत्रियों के विरोधाभासी बयान सामने आए हैं उससे लगता है कि सरकार द्वारा कॉरिडोर परियोजना और न्यास गठन को लेकर आम सहमति बनाने के प्रयास असफल होते दिख रहे हैं। बैठक को लेकर लोगों में तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। हालांकि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के बाद स्थिति कुछ स्पष्ट हो सकती है।